
रांची, 23 अप्रैल (हि.स.)। दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में गुरूवार को वैशाख कृष्णपक्ष की वरूथिनी एकादशी व्रत के उपलक्ष्य पर अखिल श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर दिव्य दंपत्ति का उद्यास्तमन सेवा सहित महाभिषेक होगा। फिर श्रृंगार महाआरती नित्याराधन नैवेद्य भोग और महास्तुति के बाद शाम में आम श्रद्धालुओं के पूजा -अर्चना करने के लिए मंदिर के कपाट को खोल दिया जाएगा।
इस संबंध में मंदिर समिति की ओर से बुधवार को बताया गया कि वैशाख कृष्ण पक्ष की यह एकादशी इस लोक में और परलोक में भी सौभाग्य प्रदान करने वाली है। वरूथिनी के व्रत से ही सदा सौभाग्य का लाभ और पाप की हानि होती है। यह समस्त लोगों को भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली है। वरुथिनी के ही व्रत से मान्धाता तथा धुंधुमार सहित अन्य अनेक राजा स्वर्ग लोक को प्राप्त हुए। समिति ने कहा कि जो दस हजार वर्षों तक तपस्या करता है, उसके समान ही वरूथिनी के व्रत का फल प्राप्त होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak