महाकुम्भ के बारे में अनर्गल प्रलाप ठीक नहीं : डाॅ. पवनपुत्र बादल

लखनऊ, 11 मार्च (हि.स.)। महाकुम्भ के बारे में अनर्गल टिप्पणी करने वाले नेताओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मंगलवार को लखनऊ कलेक्ट्रेट में दिया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त महामंत्री डाॅ. पवनपुत्र बादल के नेतृत्व में लखनऊ महानगर की ओर से परिषद के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम प्रशासन डाॅ. शुभी सिंह को ज्ञापन सौंपा।

इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महानगर अध्यक्ष निर्भय नारायण गुप्ता, लखनऊ दक्षिण की अध्यक्ष डाॅ. नीतू शर्मा, लखनऊ महानगर की महामंत्री ममता पंकज, महानगर के संयुक्त महामंत्री राजीव वत्सल व लखनऊ दक्षिण की मीडिया प्रभारी ज्योति किरन उपस्थित रहीं।

इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डाॅ. पवनपुत्र बादल ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महाकुम्भ के बारे में अनर्गल प्रलाप ठीक नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ पर बयान देकर करोड़ों सनातनधर्मियों का अपमान और आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद इनकी घोर निन्दा ही नहीं अपितु इसे अक्षम्य अपराध मानते हुए इन्हें कठोर दण्ड देने की मांग करती है।

डाॅ. पवनपुत्र बादल ने कहा कि सनातन परम्परा के महाकुम्भ को देश के कुछ लोगों ने षड़यंत्रपूर्वक बदनाम करने का प्रयास किया। महाकुंभ के बारे में नकारात्मक बयान दिये गये। ऐसे वक्तव्य संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं। देशभर के साहित्यकारों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के लखनऊ महानगर के अध्यक्ष डाॅ. निर्भय नारायण गुप्ता ने बताया कि लखनऊ के तीन हजार से अधिक साहित्यकारों और पत्रकारों का हस्ताक्षर करवाकर नकारात्मक टिप्पणियां करने वाले नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

   

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