महाराष्ट्र सरकार ने किया आनंद कारज विवाह अधिनियम लागू

मुंबई, 6 मार्च (हि.सं.)। महाराष्ट्र सरकार ने सिख समुदाय के आनंद कारज विवाह को कानूनी मान्यता दे दी है। आनंद कारज विवाह अधिनियम को राज्यभर में लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। इस फैसले का सिख समुदाय ने स्वागत किया है।

महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग ने सूबे के सभी विभागीय आयुक्तों को अधिनियम लागू करने के संबंध में आधिकारिक निर्देश जारी किए हैं। महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी और 11 सदस्यीय सिख समन्वय समिति ने 6 फरवरी 2025 को अल्पसंख्यक विकास विभाग के सचिव रुचेश जैवन्शी को ज्ञापन सौंपा था। अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष बल मलकित सिंह और समन्वय समिति के संयोजक जसपाल सिंह सिद्धू ने सीएम देवेंद्र फडणवीस का आभार माना है। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र के सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।

यह निर्णय सिख विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सम्मानजनक बनाएगा। अब निकाय संस्थाओं में अलग- अलग आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह निर्णय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आनंद कारज का अर्थ आनंदमय मिलन है। यह सिख विवाह समारोह गुरुद्वारा में होता है. इसमें जोड़े पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के चारों ओर घूमते हैं. विवाहित जीवन के चरणों को दर्शाने वाले भजन गाए जाते हैं. यह समारोह प्रेम, समानता और प्रतिबद्धता पर जोर देता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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