साठ साल बाद तीन ग्रहों के संयोग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

जयपुर, 17 फ़रवरी (हि.स.)। इस बार 60 साल बाद 26 फ़रवरी को महाशिवरात्रि पर्व तीन ग्रहों के विशेष संयोग में मनाया जाएगा। छोटीकाशी में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेंद्र मिश्रा के अनुसार, इस वर्ष महाशिवरात्रि धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि के चंद्रमा के संयोग में मनाई जाएगी। यह दुर्लभ ग्रह युति 60 साल बाद बन रही है। इससे पहले 1965 में ऐसा संयोग बना था, जब सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहे थे। इसी तरह 26 फ़रवरी को भी मकर राशि में चंद्रमा की मौजूदगी में यही तीन ग्रह युति बनाएंगे। सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं और इस दिन सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता भी है कि महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंगों में विराजमान होते हैं। यह विशिष्ट संयोग एक शताब्दी में एक बार बनता है, जब ग्रह और नक्षत्र इस प्रकार की स्थिति में होते हैं।

फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि, होली सहित कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इस माह के दौरान तिल के बजाय मेवा और मिठाइयों का भोग अर्पित किया जाएगा। एक मार्च को फुलेरा दूज पर अबूझ सावे सहित विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे। फाल्गुन 14 मार्च तक रहेगा। इस माह मां लक्ष्मी, शिव, श्रीकृष्ण और चंद्रदेव की विशेष पूजा होती है। मंदिरों में भगवान के श्रृंगार में भी बदलाव किया जाता है। फूल, दही, शंख, चीनी, चावल, सफेद चंदन और सफेद वस्त्र का दान शुभ माना जाता है।

होलिका दहन 13 मार्च को और धुलंडी 14 मार्च को होगी। इससे आठ दिन पहले से होलाष्टक आरंभ होगा, जिसके दौरान शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। इस माह विवाह के लिए भी कई शुभ मुहूर्त हैं—18, 19, 20, 21, 25 फरवरी के बाद 1, 3, 5 और 6 मार्च को शादियों के सावे रहेंगे।

महाशिवरात्रि पर चार प्रहरों में भगवान शिव की साधना करने से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि प्राप्त होती है। इस विशेष योग में की गई पूजा आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्रदान करती है। पहला प्रहर शाम 6:19 से रात 9:26 बजे तक, दूसरा प्रहर रात 9:26 से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक, तीसरा प्रहर रात 12:34 से सुबह 3:41 बजे तक और चौथा प्रहर 27 फ़रवरी को सुबह 3:41 से 6:48 बजे तक रहेगा। महाशिवरात्रि पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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