मैथिली कथा गोष्ठी सगर राति दीप जरय का भव्य आयोजन

मधुबनी, 15 सितम्बर (हि.स.)।

मैथिली कथा गोष्ठी 'सगर राति दीप जरय' का भव्य आयोजन रविवार की सुबह समाप्त हुई। सगर राति दीप जरय' के नाम से विख्यात मैथिली कथा-गोष्ठी का 119वां आयोजन पटना के विद्यापति भवन मे विगत शनिवार की रात शुरू होकर रविवार की सुबह सम्पन्न हुआ।

प्रसिद्ध कथाकार अशोक की अध्यक्षता एवं अजित आजाद के संचालन में हुए इस कथा-गोष्ठी का संयोजन डॉ कमल मोहन चुन्नू ने किया । राग-रंग संस्था द्वारा आयोजित इस गोष्ठी को 'कथा-उपमान' नाम दिया गया । उदघाटन सत्र को चेतना समिति की अध्यक्ष निशा मदन झा, सचिव उमेश मिश्र सहित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रमानंद झा 'रमण', डॉ नीता झा, डॉ महेन्द्र नारायण राम ने संबोधित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते अशोक ने कहा कि मैथिली कथा को वैश्विक आयाम देने में इस कथा-गोष्ठी का महत्वपूर्ण योगदान है।मैथिली भाषा साहित्य में कथाकारों की नई पीढ़ी का निर्माण हुआ। डॉ रमानंद झा 'रमण' ने 1990 से निरंतर चल रहे इस गोष्ठी के इतिहास पर प्रकाश दिया। निशा मदन झा एवं उमेश मिश्र ने मैथिली की किताबों को चेतना समिति द्वारा खरीदे जाने की घोषणा करते हुए साहित्य-संस्कृति के क्षेत्र में हरसंभव सहयोग करने का अश्वासन दिया।

डॉ. महेन्द्र नारायण राम ने कहा कि हम जैसे बहुत से लेखक इसी गोष्ठी की उपज हैं। अवसर पर दस से अधिक कथाकारों ने अपनी-अपनी कहानी का पाठ किया जिसपर तीस से अधिक उपस्थित समीक्षकों एवं श्रोताओं ने त्वरित टिप्पणियां की।

अवसर पर केशव भारद्वाज लिखित मैथिली उपन्यास 'चेफरी' और अमित मिश्र द्वारा अनूदित डॉ अलका वर्मा के काव्य-संग्रह 'हमरा हमर नाम सँ बजाउ' का लोकार्पण किया गया। गोष्ठी के समापन के उपरांत इस बीच दिवंगत हुए मैथिली साहित्यकारों यथा पंडित गोविन्द झा, डॉ उषाकिरण खान, डॉ पन्ना झा, देवेन्द्र झा, डॉ देवकान्त झा, डॉ कमल कांत झा, डॉ. अमरनाथ मिश्र एवं डॉ शिवकांत पाठक को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। अगली कथा गोष्ठी तीन महीने बाद विनयशील चौधरी एवं प्रेमकान्त चौधरी के संयोजन में गौहाटी में होने की सूचना का ऐलान मंच से हुई।

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हिन्दुस्थान समाचार / लम्बोदर झा

   

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