मालदा जाली मुद्रा जब्ती मामले में और दाे आराेपिताें काे सात व पांच साल की सजा

नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। मालदा में जाली मुद्रा जब्ती मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोलकाता की विशेष अदालत ने और

दाे आराेपिताें काे सात व पांच साल की सजा की सजा सुनाई है। एनआईए ने बुधवार काे यह जानकारी दी।

एनआईए के मुताबिक पीलीभीत (उत्तर प्रदेश)निवासी असीम सरकार काे सात साल व उसके सहयाेगी मालदा (पश्चिम बंगाल) निवासी अलादु उर्फ़ मातुर काे पांच साल के कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों आरोपिताें पर क्रमशः 10,000 रुपये और 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा करने में विफल रहने की स्थिति में उन्हें एक और तीन महीने जेल में बिताने होंगे।

एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा सितंबर 2019 में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों (एफआईसीएन) की जब्ती से संबंधित मामले में फरार बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल रहीम के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। डीआरआई के अधिकारियों ने असीम सरकार के पास से 2,000 रुपये के 99 नकली नोट और 500 रुपये के दो नोट जब्त किए थे, जिनकी कुल कीमत 1.99 लाख रुपये थी, जिन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया था।

एनआईए के मुताबिक दो अन्य आरोपिताें अलादू उर्फ मताहू और फैजुल एसके को बाद में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। एनआईए ने इस मामले काे अक्टूबर 2019 में अपने हाथ में ले लिया था। फैजुल इसके पहले से ही इस मामले में पांच साल जेल की सजा काट चुका है। एनआईए की जांच में पाया गया था कि सभी चार आरोपित जाली नोट हासिल करने और उसे बेचने की आपराधिक साजिश में शामिल थे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह / रामानुज

   

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