राज्यपाल ने ‘‘मन की बात’’ पर आधारित पुस्तक ‘‘मोडियालॉग’’ का किया विमोचन
- Admin Admin
- Nov 16, 2024
-रैंकिंग केवल विश्वविद्यालयों के लिए नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण- डॉ. अश्विन फर्नांडीस
लखनऊ, 16 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. अश्विन फर्नांडीस द्वारा लिखित पुस्तक “मोडियालॉग“ का विमोचन किया। यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम “मन की बात“ के 100 एपिसोड पर आधारित है। इस अवसर पर राज्यपाल ने क्यू0एस0 एशिया रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने वाले उत्तर प्रदेश के 18 विश्वविद्यालयों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने क्यू0एस0 एशिया रैंकिंग में सफलता प्राप्त करने वाले 18 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए रुचि और संकल्प की आवश्यकता होती है, और अगर दोनों हैं तो कोई भी काम कठिन नहीं होता। उन्होंने इस सफलता के पीछे विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए सुधारात्मक प्रयासों को सराहा।
राज्यपाल ने बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के नये कैम्पस का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भूमि का समुचित उपयोग हुआ है। उन्होंने भारत सरकार की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के पुरावशेष पर निर्मित नये कैम्पस में सोलर एनर्जी व आधुनिक तकनीकी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की सराहना की। उन्होंने इस सन्दर्भ में विश्वविद्यालय के कुलपतियों व अधिकारियों को नालंदा विश्वविद्यालय के नये कैम्पस को विजिट करने की सलाह दी। राज्यपाल ने सभी उपस्थित जनों को अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के साथ संवाद की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण आपस में सक्रिय संवाद स्थापित करें और सुधारात्मक उपायों को अपने विश्वविद्यालयों में लागू करें।
इस अवसर पर मोडियालॉग पुस्तक के लेखक एवं कार्यकारी निदेशक, अफ्रीका, क्यू0एस0 एशिया एवं वर्ल्ड रैंकिंग, डॉ. अश्विन फर्नांडीस ने क्यू0एस0 संस्था का परिचय दिया। डॉ. फर्नांडिस ने क्यू0एस0 एशिया रैंकिंग में विश्व के 900 विश्वविद्यालयों में भारत के 163 विश्वविद्यालयों को स्थान प्राप्त होने पर खुशी जताते हुए बताया कि इनमें उत्तर प्रदेश के 18 विश्वविद्यालयों का भी समावेश है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 10 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का कोई विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में जगह नहीं बना पाया था, लेकिन आज राज्य के 06 राज्य विश्वविद्यालय, 03 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 02 आई0आई0टी एवं 07 निजी विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शामिल हैं।
डॉ. फर्नांडिस ने कहा कि रैंकिंग केवल विश्वविद्यालयों के लिए नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देती है। इस मौके पर उन्होंने अपनी पुस्तक “मोडियालॉग“ के बारे में भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम में विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन