मणिपुर में ताजा हिंसा को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
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- Jan 04, 2025
नई दिल्ली, 4 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने मणिपुर में ताजा हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी ने दोहराया है कि मणिपुर की समस्या को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री को सभी राजनीतिक दलों के साथ मिल बैठकर सार्थक कोशिश करनी चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को एक वक्तव्य में कहा कि मणिपुर में हाल ही में एक बार फिर हिंसा की वारदात देखने को मिली है। इस बार भीड़ ने पुलिस अधीक्षक पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप कांगपोकपी जिले में कई लोग घायल हो गए। खरगे ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस घटना पर खेद जताया है लेकिन यह उनके लिए शर्मनाक है। प्रधानमंत्री के मणिपुर का दौरा नहीं करने के अवसरों को वहां के मुख्यमंत्री अपने तरीके से समय-समय पर भुना रहे हैं।
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार चुनावी बेला में जनवरी 2022 में प्रचार के लिए मणिपुर गए थे। राज्य में 3 मई 2023 को हिंसा भड़क उठी। 600 से ज़्यादा दिन बीत चुके हैं और सैटेलाइट इमेज के ज़रिए मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि राज्य में कई गांवों का सफाया हो चुका है। हाल ही में एक बार फिर हिंसा की एक और घटना देखने को मिली जब भीड़ ने पुलिस अधीक्षक पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप कांगपोकपी जिले में कई लोग घायल हो गए। यह खूबसूरत सीमावर्ती राज्य जिस तरह से खूनखराबे के दौर से गुजर रहा है, उसमें अबतक 250 से ज़्यादा निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है और 60,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। लोग अभी भी 20 महीने से शिविरों में रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करना केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है।
कांग्रेसाध्यक्ष ने कहा कि 6 दिसंबर को मणिपुर के लिए इंडी गठबंधन (आईएनडीआईए) के घटक दलों ने प्रधानमंत्री से तीन खास अनुरोध किए थे। पहला- 2024 खत्म होने से पहले मणिपुर का दौरा करें, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। दूसरा- दिल्ली में अपने कार्यालय में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाएं लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। तीसरा- मणिपुर में खुद को सीधे तौर पर शामिल करें, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि आपने ऐसा किया है। खरगे ने सख्त लहजे में कहा, प्रधानमंत्री मोदी अगर इनमें से कुछ भी नहीं करते हैं तो आप राजधर्म का पालन न करने के संवैधानिक दोष से बच नहीं सकते।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव