गाजा संघर्ष विराम में जारी गतिरोध के लिये अमेरिका ज़िम्मेदार : मौलाना अरशद मदनी

- संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को वीटो करने पर मौलाना अरशद मदनी की तीखी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 06 जून (हि.स.)। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को वीटो करने पर तीखी प्रतिक्रिया में गाजा संघर्ष विराम में जारी गतिरोध के लिये अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने एक बयान में कहा कि इज़राइल और हमास के बीच तत्काल व्यापक और स्थायी युद्ध विराम, मानवीय सहायता की तुरंत बहाली और गाजा में मूल अधिकारों की बहाली के संदर्भ में प्रस्ताव पेश किया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्यों ने गाजा में युद्ध-विराम और मानवी सहायता से संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के बावजूद अमेरिका के वीटो पावर प्रयोग करने के कारण सुरक्षा परिषद यह प्रस्ताव पारित करने में विफल रहा। उन्होंने

कहा कि 14 देशों ने यह अति उत्तम प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, परन्तु अमेरिका ने इसका साथ नहीं दिया। इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि गाजा में जारी संघर्ष और तबाही के लिये अमेरिका ज़िंम्मेदार है।

उन्होंने आशंका प्रकट करते हुये कहा कि अमेरिका यह चाहता है कि गाजा से फलस्तीनियों को विस्थापित करके यहां यहूदियों को बसाया जाए, लेकिन ऐसा कदापि नहीं होगा। मौलाना मदनी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद का शुरू ही से यह मानना है कि एक स्वतंत्र और संप्रभु देश की स्थापना ही फिलिस्तीन मुद्दे का स्थायी समाधान है। इन अकल्पनीय और खतरनाक परिस्थितियों में अमेरिका और उसके राष्ट्रपति का इज़राइल का अनुचित समर्थन अत्यंत शर्मनाक एवं निंदनीय है।

हिन्दुस्थान समाचार/मो ओवैस

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