मौनी अमावस्या: सर्वार्थ सिद्धि और त्रिवेणी योग में सनातनी पवित्र गंगा में लगाएंगे डुबकी

माघ मास के मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों का पिंडदान भी करें

वाराणसी,27 जनवरी (हि.स.)। मूक साधना के महास्नान पर्व मौनी अमावस्या इस बार खास सर्वाथ सिद्धि, त्रिवेणी योग, महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान (शाही स्नान) के साथ कई शुभ संयोग में है। श्रद्धालु अलसुबह से शाम तक गंगा सहित पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा सकते हैं। शुभ चौघड़िया मुहूर्त पूर्वांह में 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक है। इस मुहूर्त में साधु संतों के साथ गंगा में स्नान का बड़ा महत्व है।

पंचगंगाघाट घाट के कर्मकांडी गणेश दुबे बताते हैं कि इस बार मौनी अमावस्या पर अपने पितरों का पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृ दोष दूर होगा ही परिवार में सुख शांति भी आएगी। श्राद्ध के बाद पितरों के निमित्त दानपुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। गणेश दुबे बताते हैं कि इस बार माघ मास की मौनी अमावस्या 28 जनवरी की रात 07 बजकर 35 मिनट शुरू हो रही है। इसका समापन 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में सनातनी उदया तिथि में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या बनाने के साथ पवित्र नदियों में स्नान करेंगे। ज्योतिषविद रविन्द्र तिवारी बताते हैं कि इस बार मौनी अमावस्या पर अरसे बाद मकर राशि में एक साथ सूर्य, बुध और चंद्रमा विराजमान होकर खास त्रिवेणी योग बनाएंगे। इस दिन खास श्रवण नक्षत्र , शश राजयोग, बुधादित्य राजयोग भी रहेगा। शास्त्रों के अनुसार खास मुर्हूत में गंगा दौरान आप जो भी कार्य करेंगे उसमें शुभ फल मिलेगा। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पूर्वज भी अपने वंशजों से मिलने के लिए धरती पर आते हैं। ऐसे में उनके नाम से किया गया दान पुण्य व्यक्ति शुभ फल देता है। मौन व्रत के साथ ही गंगा में स्नान करना चाहिए।

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