शिमला : तीन दिन से जारी सैहब कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, महापौर ने वेतन वृद्धि का दिया आश्वासन

शिमला, 11 मई (हि.स.)। नगर निगम शिमला के सैहब कर्मचारियों की तीन दिन से जारी हड़ताल रविवार को समाप्त हो गई। हड़ताल खत्म करने का निर्णय महापौर सुरेंद्र चौहान से हुई वार्ता के बाद लिया गया। कर्मचारियों की प्रमुख मांग इस वर्ष अप्रैल में लागू होने वाली 10 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि थी। इसे निगम प्रशासन ने समय पर लागू नहीं किया। इसके विरोध में बीते तीन दिनों से सफाई कर्मी काम पर नहीं आ रहे थे जिससे शहर में कूड़ा-कचरा सड़कों पर फैलने लगा था और गंदगी का आलम पैदा हो गया था।

रविवार को नगर निगम कार्यालय में महापौर सुरेंद्र चौहान के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई। बैठक के बाद महापौर ने सैहब कर्मचारियों को 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने का आश्वासन दिया। साथ ही अन्य सुविधाएं और लाभ देने पर भी सकारात्मक रुख अपनाने की बात कही। आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर कल सोमवार से नियमित काम पर लौटने का निर्णय लिया।

बैठक में शामिल सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें नियमित किया जाए या सैहब सोसाइटी के माध्यम से ठेके के बजाय अनुबंध पर लाया जाए। उनका कहना है कि ये कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से नगर निगम के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन आज भी इन्हें न्यूनतम वेतन और सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि पहले प्रत्येक कर्मचारी को 80 से 100 घरों से कचरा उठाने का कार्य सौंपा जाता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 250 से 280 घर कर दी गई है। ऐसे में ये कर्मचारी भारी श्रम के बावजूद बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं।

महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और निगम प्रशासन उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए चरणबद्ध प्रयास करेगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि कर्मचारियों की अन्य समस्याओं जैसे नियमितीकरण और कार्य क्षेत्र की व्यावहारिक समीक्षा को भी गंभीरता से लिया जाएगा।

हड़ताल समाप्त होने से शिमला शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है और अब सोमवार से शहर में सामान्य रूप से सफाई और कूड़ा उठाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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