रेल प्राधिकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर की बैठक

गुवाहाटी, 23 जुलाई (हि.स.)। पर्यावरणीय स्थिरता और अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने असम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबीए) के अधिकारियों और पीसीबीए द्वारा अनुमोदित रिसाइक्लिंग एजेंसी मेसर्स कुसुम उद्योग, रंगिया के प्रतिनिधियों के साथ एक सहयोगात्मक बैठक की। पूसीरे के सीएमई (ईएनएचएम) एम कालीमुथी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई इस बैठक में गुवाहाटी रेलवे स्टेशन को भारत का पहला प्लास्टिक मुक्त रेलवे स्टेशन बनाने पर जोर दिया गया।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि बैठक के दौरान, ट्रेनों और स्टेशन परिसर से एकत्रित प्लास्टिक कचरे के कुशल पृथक्करण, कतरन, धुलाई और रिसाइक्लिंग को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख रणनीतियों पर चर्चा की गई। मेसर्स कुसुम उद्योग, स्टेशन के कचरा भंडारण क्षेत्र से प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन, सफाई और परिवहन के लिए एक अधिकृत रिसाइक्लिंग इकाई तक व्यापक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा। इस एजेंडे में वर्तमान अपशिष्ट निपटान कार्यों की समीक्षा, उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों की पहचान करना और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को कम करने और स्थाई कार्यों को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करना भी शामिल था।

उन्होंने बताया कि पूसीरे के स्काउट्स और गाइड्स की ओर से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। जिसके तहत पोस्टर प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक और नाटक का मंचन किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) और सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) के निरीक्षण और उचित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए भी तत्काल कदम उठाए गए हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूसीरे के इन प्रयासों की सराहना की और सख्त अनुपालन एवं नियमित निगरानी के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही, पर्यावरण अनुकूल विकल्पों और अपशिष्ट उपचार समाधानों को अपनाने में सहायता के लिए तकनीकी सहयोग और नीतिगत मार्गदर्शन करने का आश्वासन भी दिया।

दरअसल, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पूसीरे जोन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह पूर्वोत्तर के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जहां से राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस सहित प्रतिदिन 100 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। अपने अधिक चहलकदमी, आधुनिक बुनियादी संरचना और पर्यावरण अनुकूल संचालन के प्रति प्रतिबद्धता के लिए ख्याति प्राप्त यह स्टेशन असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय उद्योगों के साथ घनिष्ठ साझेदारी में कार्य कर रहा है, ताकि 100 प्रतिशत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधित और पुनर्चक्रित स्टेशन बन सके।

यह बैठक एक स्वच्छ और हरित रेलवे पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एजेंसियों के बीच सहयोगात्मक और समन्वित प्रयासों के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की सरकार की व्यापक प्रतिबद्धता को भी प्रमाणित करती है।-----------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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