मंत्री नन्दी ने विधानसभा में यूपी नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक किया पुर:स्थापित

- राज्य में विशिष्ट उद्योगों एवं क्षेत्रों पर केंद्रित विशेष क्लस्टर स्थापित किए जाएंगें

लखनऊ, 30 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने विधानसभा में यूपी नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक-2024 को पुर: स्थापित किया।

मंत्री नंदी ने बताया कि निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से निवेशकों के बीच प्रदेश को एक प्रमुख निवेश गंतव्य स्थापित करने एवं रोजगार सृजन तथा अन्य सम्बद्ध लाभों, जिससे त्वरित आर्थिक विकास सुनिश्चित हो, इस हेतु राज्य को वृहद स्तर पर निर्यातोन्मुखी क्लस्टर के रूप में स्थापित करना ही उत्तर प्रदेश नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक 2024 का उद्देश्य है। निर्माण बोर्ड का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज किया जाएगा। जिसके उपाध्यक्ष औद्योगिक विकास मंत्री होंगें।

इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र समिति आईआईडीसी की अध्यक्षता में गठित होगा, जिसका कार्य निर्माण क्षेत्र प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान को अनुमोदित करना होगा। निर्माण क्षेत्र प्राधिकरण के अंतर्गत सरकार द्वारा एक सीईओ एवं न्यूनतम दो एसीईओ, उद्योग विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि एवं अन्य विभागों के सम्बंधित सदस्य के साथ ही आवश्यकतानुसार अन्य शासकीय एवं गैर शासकीय सदस्य सम्मिलित होंगें। निर्माण क्षेत्र स्थानीय प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र से बाहर होगा। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के द्वारा इन क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

निर्माण क्षेत्रों की स्थापना करके राज्य में विशिष्ट उद्योगों एवं क्षेत्रों पर केंद्रित विशेष क्लस्टर स्थापित किए जाएंगें। जिससे उत्पादकता, नवाचार एवं प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी। इन क्लस्टर में स्वदेशी एवं विदेशी निवेश के साथ-साथ कुशल प्रतिभा को आकर्षित करेंगें। जिससे संसाधनों एवं विशेषज्ञता पर ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र सृजित किया जाएगा, जो व्यापार वृद्धि एवं विकास के अनुकूल होगा। प्रत्येक निर्माण क्षेत्र प्राधिकरण द्वारा स्थापित की जाने वाली रिवाल्विंग फंड के लिए राज्य सरकार द्वारा 500 करोड़ की राशि का प्रथम योगदान दिया जाएगा। निर्माण क्षेत्रों के भीतर निर्यातोन्मुखी उद्योगों को बढ़ावा देकर न केवल रोजगार सृजित होगा, साथ ही राज्य का सकल घरेलु उत्पाद भी बढ़ेगा। इससे प्रदेश को वैश्विक बाजार में एक प्रमुख हितधारक बनने में सहायता मिलेगी और उत्तर प्रदेश वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

इसके माध्यम से प्रदेश में वृहद आकार के निवेश क्षेत्र की स्थापना, संचालन, विनियमन और प्रबंधन किया जाएगा। साथ ही औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने एवं वैश्विक निवेशकों द्वारा नए निवेश को आकर्षित करने के साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुनिश्चित किया जाएगा। इस हेतु सम्पूर्ण राज्य में संतुलित आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य में चार विशेष निवेश क्षेत्र पश्चिामांचल एसआईआर- अलीगढ़, मध्यांचल एसआईआर-उन्नाव, पूर्वांचल एसआईआर-प्रयागराज एवं चित्रकूट, बुन्देलखण्ड एसआईआर-झांसी को विकसित किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा / विद्याकांत मिश्र

   

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