मंत्री ने पक्षियों को दाना देने वालों से की अपील, सुबह शाम न उड़ाए पतंग

- घायल पशु-पक्षियों के लिए गुजरात में चलेगा 10-20 जनवरी तक करुणा अभियान

अहमदाबाद, 09 जनवरी (हि.स.)। वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलूभाई बेरा ने गुरुवार को गांधीनगर में लोगों को उत्तरायण पर्व की बधाई देते हुए कहा कि पक्षियों को भोजन (दाना) देने का जो लोग विचार रखते हैं, उन्हें सुबह-शाम पतंग नहीं उड़ानी चाहिए। साथ ही चाइनीज मांझे का उपयोग भी नहीं करना चाहिए।

गुजरात में उत्तरायण (मकर संक्रांति) पर्व के दौरान पतंग की डोर से बड़ी संख्या में पशु-पक्षी घायल हो जाते हैं। साथ ही त्योहार को लेकर लोग पशुओं विशेषकर गायों को विभिन्न खाद्य सामग्री के साथ हरा चारा खिलाते हैं, जिससे पशुओं को फूड प्वॉइजनिंग का भी खतरा रहता है। इन पशु-पक्षियों को तत्काल रेस्क्यू कर उचित इलाज के लिए राज्य सरकार वर्ष 2015 से राज्य भर में करुणा अभियान चला रही है। इस साल भी 10 से 20 जनवरी तक राज्य व्यापी करुणा अभियान चलाया जाएगा।

मंत्री मुलूभाई ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई इस पहल के परिणामस्वरूप कई मूक पशु-पक्षियों को नवजीवन मिला है। पिछले आठ साल में राज्य भर से 97,200 से अधिक पशु-पक्षियों का रेस्क्यू किया गया। इनमें से 31,400 से अधिक पशुओं और 65,700 से अधिक पक्षियों का उचित इलाज कराया गया। सबसे अधिक अहमदाबाद जिले में करीब 17,600 से अधिक पशु-पक्षियों को इलाज किया गया। इनमें से 2400 पशु और 15,200 पक्षी शामिल हैं। गुजरात में सर्वप्रथम शुरू हुआ करुणा अभियान का आदर्श मॉडल अब पूरे देश भर में राह दिखा रहा है। मंत्री ने बताया कि करुणा अभियान को अधिक परिणामी बनाने के लिए अग्रिम तैयारी की गई है। जीव दया के इस अभियान को सफल बनाने के लिए पशुपालन विभाग, वन विभाग और महानगर पालिकाओं के साथ कई सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयाेग लिया जा रहा है।

वाट्सएप नंबर 8320002000 और 1926 हेल्पलाइन नंबर जारी

मंत्री ने बताया कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में घायल पक्षियों के इलाज के लिए वन विभाग ने वाट्सएप नंबर 8320002000 और 1926 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर मैसेज करते ही एक लिंक मिलेगा, जिसे क्लिक करने पर जिलावार उपलब्ध सभी पक्षी उपचार केन्द्रों की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा पशुपालन विभाग की ओर से 1962 नंबर कार्यरत है। इस नंबर पर सम्पर्क कर नागरिक मूक पशु-पक्षियों की जान बचा सकते हैं।

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेश पटेल ने बताया कि करुणा अभियान में राज्य के 600 से अधिक वेटनरी डॉक्टर समेत 8 हजार से अधिक सेवाभावी स्वयंसेवी कार्यरत रहेंगे। पशुपालन विभाग, वन विभाग और विभिन्न स्वयंसेवी संस्था आपस में मिलकर एक हजार से अधिक उपचार केन्द्र चलाएंगे। इस अभियान के तहत 865 पशु दवाखाना, 34 वेटनरी पॉलीक्लिनिक, 27 शाखा पशु दवाखाना के अलावा 587 मोबाइल पशु दवाखाना, 37 एनिमल एम्बुलेंस अवकाश के दिनों में कार्यरत रहेंगे। अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट और सूरत समेत शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध पशु उपचार संस्था के अलावा 50 अतिरिक्त मोबाइल यूनिट इलाज की व्यवस्था करेगी। उन्हाेंने बताया कि पिछले साल करुणा अभियान के तहत राज्य भर में 13800 से पशु-पक्षियों का रेस्क्यू किया गया था। इसमें 4400 से अधिक पशुओं और 9300 से अधिक पक्षी शामिल हैं। वहीं पिछले 8 साल में अहमदाबाद जिले के बाद सर्वाधिक सूरत जिले में 13300 से अधिक, वडोदरा में 10700 से अधिक, राजकोट जिले में 8300 से अधिक, आणंद जिले में 6800 से अधिक, जूनागढ़ में 6100 से अधिक पशु-पक्षियों का रेस्क्यू कर इलाज किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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