परसतराई में रोपे गए हैं 285 से अधिक पौधे, दे रहे पर्यावरण का संदेश

धमतरी, 14 अक्टूबर (हि.स.)। जल संरक्षण के लिए रबी सीजन में पूरे गांव में धान फसल की खेती पर प्रतिबंध लगाने के बाद बेहतर कार्याें के लिए प्रदेश व देश में ग्राम पंचायत परसतराई की अलग ही पहचान है। अब पर्यावरण संरक्षण के लिए यहां के सरपंच व ग्रामीणों ने एक पेड़ बेटी के नाम अभियान चलाकर नई पहल शुरू की है। अब तक यहां अविवाहित बेटियों के नाम पर 285 से अधिक पौधरोपण हो चुका है।

ग्राम पंचायत परसतराई द्वारा साेमवार काे उन्नयन पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसतराई परिसर में एक पेड़ बेटी के नाम पर 250 एवं स्वयं की भूमि में 35 फलदार पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदय ढीमर समाजसेवी कंवर (बालोद) उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता परमानंद अडिल सरपंच ग्राम पंचायत परसतराई ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में दिनेश सिन्हा सरपंच खरतुली, सीताराम ध्रुव सरपंच पोटियाडीह, गोपालन पटेल सरपंच रावां,चंद्रप्रकाश सिन्हा सरपंच बंजारी, चंद्रशेखर साहू सरपंच मुजगहन, थनेश्वर धनकर उपसरपंच परसतराई, सचिव असलम खान उपस्थित थे। अतिथियों ने आम, कटहल, आंवला व नींबू के पौधों का रोपण कर जल जगार के प्रतीक कलशों का जल बड़े घड़ा में डालकर जल बचाने व जल संरक्षित करने का आह्वान किया गया। इस दौरान छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति के माध्यम से पेड़ लगाने व जल बचाने का संदेश उपस्थित ग्रामीणों को दिया। वहीं अतिथियों ने आसमान में एक पेड़ बेटी के नाम स्लोगन वाला पोस्टर लगाकर तिरंगे वाले गुब्बारे छोड़े गए। सभी पेड़ों में बेटी के नाम के साथ उनके माता-पिता का नाम एवं कुछ बोर्ड पर दानदाताओं के नाम वाला बोर्ड लगा है, जो आकर्षित कर है।

सरपंच रावां गोपालन पटेल ने कहा कि लोग आज पेड़ लगाने के बजाय काटने पर लगे हुए है। जिससे हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। ग्राम पंचायत परसतराई द्वारा भावनात्मक रूप से प्रभावित करने वाले उद्देश्य को स्लोगन बनाकर जिस तरह एक पेड़-बेटी के नाम लगाने का कार्य किया जा रहा है, यह प्रशंसनीय है, इस पंचायत से हमें भी सीख लेने की जरूरत है। इसी तरह सरपंच बंजारी चंद्रप्रकाश सिन्हा ने भी संबोधित किया। वहीं सरपंच परसतराई परमानंद अडिल ने कहा कि परसतराई वासी बहुत ही जागरूक, शिक्षित व सहयोग की भावना, ग्रामवासियों का भविष्य के प्रति सजग रहने की सोच ने हमें भाईचारे का मिशाल दिया है। जल संकट होने पर यहां के किसानों ने फसल चक्र परिवर्तन करने का फैसला लिया। हमारा गांव पहले अतिसंवेदनशील के रूप में जाना जाता था। युवाओं की जागरूकता व एकता ने पुराने जख्मों को भरने का प्रयास विगत 23 वर्षों से अनेक आयोजनों के माध्यम से दूर हुए अपनों को पास लाने का कार्य सराहनीय है।

कार्यकम के समापन पर आभार प्रदर्शन पंचायत सचिव परसतराई असलम खान ने एवं मंच संचालन स्थानीय शिक्षक सोमदत्त साहू ने किया। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत परसतराई की जनसंख्या 1435 है। बालिकाओं के नाम पर गांव में फलदार पेड़ जाम 50 नग,कटहल 35 नग, आंवला 50, करोंदा 35 नग, सीताफल 15 नग , काला जामुन 25 नग , नींबू 29 नग, आम एक नग , पाम 10 नग कुल 250 नग स्कूल में घरों में अलग से 35 पेड़ लगाया गया है।

सरपंचों का हुआ सम्मान : ग्राम पंचायत परसतराई ने दानदाता सहित आगामी ग्रीष्मकालीन में धान की जगह दलहन - तिलहन जैसे कम पानी में तैयार होने वाले फसल लेने के इच्छुक पंचायतों के सरपंचों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। जिसमें चंद्रशेखर साहू अध्यक्ष ग्राम विकास समिति, सरपंच दिनेश सिन्हा,सीताराम ध्रुव,चंद्रप्रकाश सिन्हा, गोपालन पटेल,लवन किशोर साहू, भगवती साहू, मोनिका ध्रुव, किशन नेताम, चंद्रशेखर साहू एवं विशेष सहयोग के लिए उदय ढीमर, ललिता चंद्राकर सब इंजीनियर, मनीषा निषाद तकनीकी सहायक को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोमती गंगापले, पूरनलाल साहू सोहनलाल साहू, ईश्वरी साहू, क्षमता साहू, सरिता उइके, कुलेश्वरी धनकर, हीरा धनकर, जागेश्वरी मंडावी सहित काफी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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