
पूर्वी चंपारण,25अप्रैल(हि.स.)। जिला पुलिस की कार्यशैली के विरूद्ध मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गयी है।मामला कुंडवा चैनपुर थाना के जटवलिया गांव से जुड़ा है। जहां एक बुजुर्ग कपिलदेव दुबे के बंद घर में 13 अप्रैल की रात लूटपाट व बम विस्फोट की घटना हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने उन्हें व उनकी पत्नी मालती देवी को ही आरोपित बना दिया है।जिसको बाद कपिलदेव दुबे ने मानवधिकार आयोग से गुहार लगाते कहा है,कि मेरे द्धारा प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की गई और पुलिस अब मुझे और मेरे पत्नी को ही आरोपित बना दिया। जिसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़ित परिवार ने पुलिस की कार्यशैली के विरुद्ध बिहार राज्य और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अलग-अलग याचिका दाखिल की है। याचिका दाखिल करने में कानूनी सहायता दे रहे मानवाधिकार मामले के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि कपिलदेव दुबे ने अपनी पोती की शादी के लिए गहना, कपड़ा व बर्तन घर में रखा था। दो महीने से वे अपने परिवार के साथ बाहर थे।
इस बीच उन्हें जानकारी मिली कि 13 अप्रैल की रात लगभग 11 बजे गांव के कुछ लोगों ने उनके घर में लूटपाट की गई और बम विस्फोट किया गया। इसकी जानकारी मिलने पर जब वे घर पर आए तो आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कुंडवा चैनपुर थाना में आवेदन दिया। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि कांड के असली आरोपितों के मेल में आकर पुलिस उनके आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
उल्टे उन्हें और उनकी पत्नी के विरुद्ध ही प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित बना दिया। इससे उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंची है और बेवजह केस पर पैसा खर्च करना पड़ रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत पूर्वी चंपारण के एसपी से भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। थक हारकर उन्हें मानवाधिकार आयोग की शरण में जाना पड़ा।फिलहाल मानवधिकार आयोग इस पर आगे क्या कारवाई करता है,देखना दिलचस्प होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार