भलवाल निवासी मुनीर अहमद ने जम्मू में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
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- May 29, 2025
जम्मू, 29 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के भलवाल निवासी मुनीर अहमद ने जम्मू में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है जिसमें पाकिस्तानी नागरिक से शादी करने के कारण सेवा से बर्खास्त किए जाने को चुनौती दी गई। अपनी दलील में उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले साल 24 मई को अपनी चचेरी बहन मेनल खान से अपनी शादी के बारे में बल को सूचित किया था।
उन्होंने अदालत को बताया कि उन्होंने न केवल राजौरी जिले के सुंदरबनी के सोदरा में तैनात 72 बटालियन को सूचित किया बल्कि भोपाल के बंगरासिया में सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में अपनी अंतिम पोस्टिंग के बारे में भी बताया। अहमद ने अपनी चचेरी बहन मेनल खान से 24 मई, 2024 को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी की। उन्होंने सबूत के तौर पर भारतीय निकाहनामा, पाकिस्तानी विवाह प्रमाण पत्र और शादी के निमंत्रण सहित सभी संबंधित दस्तावेज दिखाए। उनके अनुसार विवाह दोनों देशों में कानूनी रूप से पंजीकृत था।
शादी के बाद उनकी पत्नी मेनल ने वैध अल्पकालिक वीज़ा का उपयोग करके 28 फ़रवरी, 2025 को वैध रूप से भारत में प्रवेश किया। 4 मार्च, 2025 को उन्होंने दीर्घकालिक वीज़ा के लिए आवेदन किया। याचिका में कहा गया है कि कई संसद सदस्यों ने लिखित सिफारिशों के माध्यम से वीज़ा आवेदन का समर्थन किया।
2 मई को एक आधिकारिक आदेश में भोपाल के बंगरासिया में सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन के कमांडेंट - जहाँ वे वर्तमान में तैनात थे ने बताया कि मुनीर अहमद को भारत में एक पाकिस्तानी नागरिक को शरण देने के लिए तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जा रहा है।
मुनीर अहमद को उनकी पत्नी मेनल को भारत छोड़ने का नोटिस मिलने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि वह एक पाकिस्तानी नागरिक हैं।
सीआरपीएफ ने अहमद को बर्खास्त करते हुए कहा था कि गंभीर चिंता के मामले में सीआरपीएफ की 41 बटालियन के सीटी/जीडी मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी को छिपाने और जानबूझकर उसके वीजा की वैधता से परे उसे शरण देने के लिए तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
अहमद ने अपनी याचिका में अदालत से कहा कि यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मेरे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। मुझे सीमा पार शादी करने के लिए दंडित किया गया है।
विदेशी नागरिक को शरण देने के आरोप में मुनीर ने कहा कि उनकी पत्नी इस साल 28 फरवरी तक विजिट वीजा पर थी और उसने 4 मार्च को दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था जो अभी भी लंबित है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता



