मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ़ संशोधन विधेयक, यूसीसी और वर्शिप एक्ट के विरोध में चलाएगा देशव्यापी आंदोलन

- बोर्ड ने सभी मुस्लिम संगठनों को साथ लेकर बनाई रणनीति

नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ़ संशोधन विधेयक, समान नागरिक संहिता और पूजा स्थल कानून को लेकर देशव्यापी आंदोलन चलाने की घोषणा की है। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि अगर सरकार संसद से वक्फ़ संशोधन विधेयक को पास करने का प्रयास करती है तो हमारे पास सड़कों पर आकर इसका विरोध करने के अलावा कोई संवैधानिक रास्ता नहीं बचता है। उनका कहना है कि वक्फ़ संशोधन विधेयक को देश का मुस्लिम समाज पूरी तरह से नकार चुका है और यह विधेयक हमें किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आज गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में

मौलाना ने कहा कि हमने वक्फ़ संशोधन विधेयक का हर स्तर पर विरोध किया है। संयुक्त संसदीय समिति में भी हमने वक्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर अपनी चिताओं से उन्हें अवगत कराया था और करोड़ों मुसलमान के हस्ताक्षर वाले मेमोरेंडम जेपीसी को भेजे गए थे। मगर जेपीसी ने हमारी बातों को दरकिनार कर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है और इस विधेयक को राज्यसभा में लाया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि शांतिपूर्वक तरीके से इस समस्या का समाधान हो जाए लेकिन मौजूदा सरकार की नीयत ठीक नहीं है। सरकार देश के शांतिप्रिय मुसलमान को उकसाने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हम इस विधेयक का शांतिपूर्वक ढंग से सड़कों पर आकर विरोध करेंगे। विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है जिसे कोई भी सरकार रोक नहीं सकती है।

मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि यूसीसी को उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू किया गया है जो की पूरी तरह से असंवैधानिक है। यूसीसी केंद्र का मामला है और इसे केंद्र सरकार के जरिए ही लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड सरकार ने अपने अधिकारों का उल्लंघन किया है और अब गुजरात सरकार के जरिए भी यूसीसी लागू करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम इन सब मामलों को लेकर के अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे और सड़कों पर आकर भी इसका जोरदार विरोध करेंगे। जब तक वक्फ विधेयक और यूसीसी को वापस नहीं लिया जाएगा, हम इसका विरोध करते रहेंगे। मौलाना ने इस मौके पर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का इम्तिहान है। संसद में वक्फ विधेयक पर इनका क्या रुख़ होता है।

बोर्ड उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस अवसर पर कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ कानून के दायरे में रहते हुए हमारा विरोध जारी रहेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, हम इस असंवैधानिक कानून को स्वीकार नहीं कर सकते। हम सब मिलकर इस विधेयक को संसद से पास नहीं होने देने के लिए सभी राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने की कोशिश जारी रखेंगे। संवाददाता सम्मेलन में बोर्ड के उपाध्यक्ष और जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना उबेदुलला खां आजमी, जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोहतसिम खान, बोर्ड के महासचिव मौलाना अब्दुल रहीम मुजदद्दी, बोर्ड प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास भी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहम्मद ओवैस

हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद

   

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