एनसीएएचपी के सहयोग से दस संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसायों के लिए नया योग्यता-आधारित पाठ्यक्रम शुरू

नई दिल्ली, 23 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय आयोग (एनसीएएचपी) के सहयोग से दस संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों के लिए योग्यता-आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। बुधवार को निर्माण भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने इन पाठ्यक्रमों को जारी किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव हेकाली झिमोमी और एनसीएएचपी की अध्यक्ष डॉ. यज्ञ शुक्ला भी उपस्थित थीं।

इन पाठ्यक्रमों में फिजियोथेरेपी, एप्लाइड साइकोलॉजी और व्यावहारिक स्वास्थ्य, ऑप्टोमेट्री, पोषण और आहार विज्ञान, डायलिसिस थेरेपी तकनीक और डायलिसिस थेरेपी, रेडियोथेरेपी तकनीक, मेडिकल रेडियोलॉजी और इमेजिंग तकनीक, एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थियेटर तकनीक, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन और फिजिशियन एसोसिएट्स सहित व्यवसायों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल हैं। इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य देश भर में संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की शिक्षा और प्रशिक्षण में एकरूपता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि पाठ्यक्रम का व्यापक संशोधन और मानकीकरण शैक्षिक सामग्री और वितरण में स्थिरता स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत अपने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी कौशल प्रदान कर रहा है। आज शुरू किया गया पाठ्यक्रम विभिन्न संकायों में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता के लिए एक मानक स्थापित करेगा।

श्रीवास्तव ने कहा, ये व्यवसाय निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक और पुनर्वास स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पहल से कौशल-आधारित प्रशिक्षण की प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होने, शैक्षिक परिणामों को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ बेहतर ढंग से संरेखित करने और देश भर में संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए अधिक कैरियर गतिशीलता और पेशेवर मान्यता को बढ़ावा देने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि पाठ्यक्रम के डिजिटल मॉड्यूल को सभी के लिए उपलब्ध कराने के लिए क्राउड सोर्स किया जाएगा, ताकि उनकी क्षमता का निर्माण हो सके और स्वस्थ भारत के विजन को बढ़ावा दिया जा सके।

इस अवसर पर एनसीएएचपी की अध्यक्ष डॉ. यज्ञ उन्मेष शुक्ला ने कहा कि ये पाठ्यक्रम एकरूपता सुनिश्चित करेंगे और 'एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम' के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पाठ्यक्रम रोलआउट का पहला चरण है। अन्य के लिए भी जल्दी ही पाठ्यक्रम जारी किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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