पूसीरे मजदूर यूनियन के महासचिव पद पर अवैध नियुक्ति का आरोप

गुवाहाटी, 30 अप्रैल (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) मजदूर यूनियन को कलंकित करते हुए और रेलकर्मियों की न्यायोचित मांगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से तथाकथित मजदूर नेता पीयूष चक्रवर्ती पर महासचिव पद पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगा है।

रेलकर्मियों ने उनके इस कदम की कड़े शब्दों में निंदा की है।

ज्ञात हो कि पूसीरे मजदूर यूनियन रेल कर्मचारियों का एक सक्रिय संगठन है। इस संगठन का नेतृत्व कभी असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोलाप बोरबोरा, निबारन बोरा, इंदिवर कोंवर, पूर्व मंत्री और प्रोफेसर रमणी बर्मन, प्रिया गुप्ता, रखाल दास गुप्ता जैसे क्रांतिकारी और संघर्षशील नेताओं ने किया था।

उल्लेखनीय है कि 3 से 5 अप्रैल तक एनएफ रेलवे मजदूर यूनियन का 14वां द्विवार्षिक अधिवेशन और 66वीं वार्षिक आम सभा मालीगांव में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में रेल कर्मचारियों ने रेल विभाग में कार्यरत और युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सशक्त नेता को महासचिव के रूप में चुनने की मांग की। यह मांग पहले 2022 के न्यू जलपाईगुड़ी अधिवेशन में भी उठी थी, लेकिन सेवानिवृत्त नेताओं ने इस मांग को खारिज कर पद पर बने रहने की कोशिश की थी।

इसके बाद मालीगांव अधिवेशन में 5 अप्रैल को हुए चुनाव में जब सेवानिवृत्त नेता अपनी पकड़ बनाए रखने में विफल रहे, तो उन्होंने विजिलेंस केस में आरोपित एक तथाकथित नेता के साथ मिलकर धन और शक्ति के बल पर पीयूष को महासचिव बनाने की कोशिश की। इस विवादास्पद कदम के खिलाफ नाराज होकर रेल कर्मचारियों ने मालीगांव मुख्य कार्यालय में कार्यरत उत्तम भट्टाचार्य को महासचिव पद पर बैठाया, जिससे यूनियन दो भागों में बंट गई।

अब तक इस विवाद का कोई समाधान नहीं निकलने के कारण एनएफ रेलवे ज़ोन के मुख्यालय में नई कमेटी की घोषणा को रद्द करने की मांग करते हुए एक लिखित याचिका दायर की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर

   

सम्बंधित खबर