पूसीरे ने मानसून के दौरान ट्रेन परिचालन के लिए संरक्षा उपायों को किया सुदृढ़

गुवाहाटी, 07 जुलाई (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने मानसून के दौरान ट्रेनों के सुरक्षित और निर्बाध परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक श्रृंखलाबद्ध रणनीतिक तैयारियों को लागू किया है। इस क्षेत्र में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की प्रवृत्ति को देखते हुए, संवेदनशील स्थानों पर स्थायी तौर पर वॉचमेन की तैनाती की गई है, जो निरंतर पटरियों की अवस्था की निगरानी करते हैं और किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत अलर्ट करते हैं। बहाव-प्रवण और बाढ़-संवेदनशील क्षेत्रों को मजबूत तटबंधों, बेहतर जल निकासी प्रणाली और प्राकृतिक जल प्रवाह मार्गों की सफाई के माध्यम से सुदृढ़ किया गया है। इसके अलावा, संकटपूर्ण स्थानों विशेष रूप से पहाड़ी सेक्शनों पर जल स्तर मापने वाले गेज लगाए गए हैं, ताकि सटीक समय पर जल स्तर की निगरानी की जा सके।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने सोमवार को बताया है कि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, पूसीरे ने प्रमुख स्थानों पर बोल्डर, बालू की बोरियां और वायर मेश जैसी सुरक्षा सामग्रियां पहले से ही इकट्ठा कर रखा है। 'इमरजेंसी ऑन व्हील्स' ट्रेनें पूरी तरह से सज्ज हैं और किसी भी स्थिति से तुरंत निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ तकनीकी स्टाफ को भी तैयार रखा गया हैं। सभी मंडलों में रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन भी किया गया है, जो भूस्खलन, पटरियों के बहाव और जलभराव जैसी घटनाओं का कम से कम समय में समाधान सुनिश्चित करती हैं। ये टीमें सामान्य रेल परिचालन को शीघ्र पुनर्बहाल करने के लिए प्रशिक्षित हैं, जिससे यात्री और माल परिवहन सेवाओं में किसी भी प्रकार के व्यवधान को कम से कम किया जा सके।

केवल लामडिंग मंडल में ही कुल 197 वैगनों में बोल्डर और क्वारी/डस्ट/शिंगल लोड कर रणनीतिक स्थानों पर जमा किए गए हैं, जिनमें 144 वैगन बोल्डर और 53 वैगन क्वारी/डस्ट/शिंगल शामिल हैं। ये वैगन जागीरोड, खटखटी, शुखोवि, माईबांग और बदरपुर जैसे प्रमुख स्थानों पर रखे गए हैं। अन्य मंडलों में भी मानसून की तैयारी के अनुसार आपूर्ति की गई है- तिनसुकिया में 52 वैगन, रंगिया में 36 वैगन, अलीपुरद्वार में 20 वैगन और कटिहार मंडल में 40 वैगन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त, सभी मंडलों में विभिन्न क्षमताओं वाले विंच क्रैब्स, जैक, टिरफर और ट्राइपॉड्स उपलब्ध हैं, जिससे किसी भी प्रकार के बचाव या पुनःस्थापन कार्य के लिए तत्परता सुनिश्चित की जा सके।

इसके अलावा, पूसीरे वास्तविक समय के मौसम अलर्ट और पूर्वानुमान प्राप्त करने के लिए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह समन्वय रेलवे नियंत्रण कक्षों, जो सातों दिन और चौबीसों घंटे संचालित होते हैं, को ट्रेनों के आवागमन और फील्ड तैनाती के बारे में सक्रिय निर्णय लेने में मदद करता है। यात्रियों को सलाह दी गयी है कि वे आधिकारिक संचार चैनलों के माध्यम से अपडेट रहें और रेल अधिकारियों के साथ सहयोग करें। इन व्यापक उपायों के साथ, एनएफआर पूरे मानसून सीजन में संरक्षा, परिचालन दक्षता और यात्री सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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