अनुकरणीय सेवाओं को मान्यता देने के लिए पूसीरे ने शुरुआत की “कर्मवीर पुरस्कार”

गुवाहाटी, 18 अगस्त (हि.स.)। एक ऐतिहासिक पहल में, पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने आम लोगों और रेलवे कर्मचारियों दोनों की असाधारण बहादुरी और निःस्वार्थ सेवा को मान्यता देने के लिए अपने जोन में पहली बार कर्मवीर पुरस्कार की शुरुआत की है। पहली बार शुरू किए गए यह पुरस्कार वीरता, समर्पण और अनुकरणीय सेवा के कार्यों को सम्मानित करता है, जिसने यात्रियों और रेलवे समुदाय की सुरक्षा और कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस वर्ष के कर्मवीर पुरस्कार विजेताओं को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महाप्रबंधक ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और बहादुरी के ऐसे कार्यों को मान्यता देने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने रेलवे कर्मचारियों और सम्मानित नागरिक द्वारा किए गए समर्पण और साहस पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि उनके कार्य भारतीय रेल के मूल मूल्यों को दर्शाते हैं।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया कि पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में उत्तरी त्रिपुरा के बिलथाई की निवासी सुप्रीति आचार्यी को विशेष सम्मान दिया गया। 7 अगस्त 2024 को आचार्यी ने रेलवे कर्मचारी न होते हुए भी असाधारण सतर्कता और साहस का परिचय दिया, जब उन्होंने धर्मनगर और पानीसागर स्टेशनों के बीच रेल लाइन में फ्रैक्चर देखा। तत्काल सहायता न मिलने के बावजूद उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 139 पर डायल करके रेलवे प्रशासन को सूचित किया और स्थानीय लोगों को इकट्ठा करके किसी भी संभावित आपदा को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की। उनके वीरतापूर्ण कार्य निःस्वार्थता की शक्ति और संकट के समय व्यक्तिगत योगदान के प्रभाव का प्रमाण हैं। इस अनुकरणीय कार्यों के लिए उन्हें एक नकद पुरस्कार के साथ कर्मवीर की उपाधि दी गई ।

कर्मवीर पुरस्कार के अन्य प्राप्तकर्ताओं में कटिहार डिवीजन के ट्रैक मेंटेनर- I/ न्यू जलपाईगुड़ी लक्ष्मी रजक शामिल हैं, जिन्होंने न्यू जलपाईगुड़ी यार्ड के पास एक रेल फ्रैक्चर का पता लगाया और संभावित दुर्घटना को रोका; अजय कुमार मौर्य, सहायक टीएल एंड एसी/ तिनसुकिया डिवीजन, जिन्होंने चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पर बिजली के शॉर्ट सर्किट को तेजी से नियंत्रित किया; और एसके शोरिफुल, पॉइंट्समैन-बी/थिंगौ/लुमडिंग डिवीजन, जिन्होंने ट्रैक वॉशआउट के दौरान एक ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोककर आपदा को टाल दिया। इसके अतिरिक्त, मुकेश कुमार रजक, इंस्पेक्टर आरपीएफ/चापरमुख/ लामडिंग डिवीजन ने अनधिकृत संरचनाओं को हटाया और नशीले पदार्थों के परिवहन को रोका, जबकि सारिका कुमारी, लेडी सब-इंस्पेक्टर/न्यू जलपाईगुड़ी/ कटिहार डिवीजन ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक कुख्यात अपराधी को पकड़ा। कनक बसु, उप-निरीक्षक/आरपीएफ/हासीमारा/अलीपुरद्वार डिवीजन ने दलाल को पकड़ा और हासीमारा स्टेशन पर पीआरएस टिकटों की बरामदगी सहित दलालों की गतिविधियों पर रोक लगा दी, और नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में, अमिताभ गोगोई, सहायक उप-निरीक्षक/आरपीएफ/तिनसुकिया डिवीजन ने 57 ग्राम से अधिक ब्राउन शुगर जब्त की और दो पेडलर्स को पकड़ा। रंगिया डिवीजन के आरपीएफ कांस्टेबल जीतू दास ने मानव तस्करी के तीन पीड़ितों को बचाया और मिलन कुमार मिंज, ट्रैक मेंटेनर-III/अलीपुरद्वार डिवीजन ने एक महत्वपूर्ण पुल पर खोए हुए रेल क्लिप को ठीक करके एक दुर्घटना को टाल दिया।

कर्मवीर पुरस्कार अवार्ड अब पूसीरे में एक वार्षिक विशेषता होगी, जो ज़ोन और भारतीय रेल में बहादुरी और अनुकरणीय सेवा के कार्यों को प्रोत्साहित और मान्यता देगा।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय / श्रीप्रकाश

   

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