गुवाहाटी, 19 अगस्त (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने जनवरी से जुलाई, 2025 की अवधि के दौरान अपने विद्युतीकरण पहल और हरित ऊर्जा उपायों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो इस क्षेत्र में मजबूत और कुशल रेलवे संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि इस अवधि में कुल 1,043 रूट किलोमीटर (आरकेएम) रेल लाइनें विद्युतीकृत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, चापरमुख – होजाई डाउन लाइन (45.69 टीकेएम) और दुधनई – आजरा दूसरी लाइन (99.32 टीकेएम) के बीच दोहरीकरण परियोजनाओं के साथ दोहरीलाइन सेक्शनों का बिजलीकरण पूरा हो चुका है। इस उपलब्धि के साथ, रंगिया मंडल अब पूर्ण विद्युतीकृत (100 फीसदी) हो गया है, जिससे सुगम और पर्यावरण-अनुकूल ट्रेन परिचालन संभव हो सका है। परिणामस्वरूप, प्रतिष्ठित राजधानी एक्सप्रेस अब रंगिया – रंगापाड़ा रूट होकर डिब्रुगढ़ तक विद्युतीकृत ट्रैक्शन पर चल रही है। इसके अलावा, डिब्रूगढ़ तक विद्युतीकरण पूर्ण होने के बाद, नई दिल्ली – डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस जून 2025 से न्यू तिनसुकिया होकर इंड टू इंड इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चल रही है, जिससे यात्रियों के लिए तेज, स्वच्छ और अधिक कुशल यात्रा संभव हो रही है।
परिचालनिक लाभ भी महत्वपूर्ण रहे हैं। प्रमुख बिजलीकरण कार्यों के पूरा होने के साथ, कुल 28 ट्रेनें अब पूर्णतः बिजली ट्रैक्शन पर चल रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप 12 डीजल इंजनों को सक्रिय सेवा से हटाया गया है। यह परिवर्तन न केवल ईंधन की पर्याप्त बचत करता है, बल्कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान देता है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे परिचालन दक्षता बढ़ाने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और रेल परिवहन के लिए स्वच्छ एवं हरित भविष्य की ओर बढ़ने के लिए अपने बिजलीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में तेजी लाने को प्रतिबद्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय



