नारनौल में अक्षय तृतीया पर होने वाली शादियों पर प्रशासन की रहेगी विशेष नजर: सीता शर्मा

नारनौल, 9 अप्रैल (हि.स.)। जिला के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बाल विवाह निषेध अधिनियम को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिला में किसी भी सूरत में बाल विवाह न होने पाए इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष नजर रखी जा रही है। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा ने बुधवार को बताया कि इस बार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया (अखा तीज) है। इस दिन जिला भर में विवाह समारोह की धूम रहेगी। युवा खूब विवाह बंधन में बंधेंगे। ऐसे में अक्षय तृतीया पर होने वाले सामूहिक विवाह की आड़ में कुछ बाल विवाह भी हो सकते हैं।

इसलिए सरपंच, पार्षद, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, पुलिस मौलवी, पंडित के साथ बैठक कर और स्कूलों में कैम्प लगाकर बाल विवाह निषेध अधिनिमय के बारे में बताया जा रहा है। खास तौर पर बाल विवाह अथवा इससे जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि पर नजर रखने के लिए टैण्ट हाऊस संचालकों, फोटोग्राफर, डीजे साउंड, बैंड बाजा वालों, धर्मशाला संचालकों, पुजारी, मैरिज पैलेस व कार्ड प्रिंटिंग मशीन संचालकों से सहयोग की अपील की गई है कि वह ऐसे किसी भी कार्यक्रम में न तो भाग लें और इसकी सूचना तत्काल प्रशासन को 1098 या 112 नंबर पर दें। उन्होंने बताया कि लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसे लोगों को जेल होगी और उन पर जुर्माना भी लगेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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