नारनौल में नाबालिगाें के विवाह राेकने के लिए लाेगाें काे किया जागरूक

नाबालिग लड़की का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराधः गणेश कुमार

नारनाैल, 17 फ़रवरी (हि.स.)। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निजामपुर में बाल विवाह विषय पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सुमन राणा और गणेश कुमार ने शिरकत की।

कार्यक्रम में सुमन राणा व गणेश कुमार ने संबोधित किया। उन्हाेंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो 2 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील कि वे अपने समाज या परिवार के इर्द-गिर्द बाल विवाह होने की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें, ताकि बाल विवाह को राेका जा सके।

उन्होंने कहा कि छोटी उम्र में विवाह होने से बच्चे के मानसिक, शारीरिक व बौद्धिक विकास की कमी होती है। यहां तक बच्चे में हीनभावना भी आती है। उन्होंने पोक्सो अधिनियम के बारे में भी बच्चों को जागरूक किया। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी संदीप, बाल कल्याण समिति के सदस्य राजेश गोयल, चेतन शर्मा, ममता व कुमुदनी श्रीवास्तव, संरक्षण अधिकारी एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी संतोष कुमारी आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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