
नारनौल, 7 मई (हि.स.)। गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश के अनुसार जिले में बुधवार को ठीक सायं चार बजे सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई है। इस दौरान लघु सचिवालय में युद्ध जैसे हालात के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। इस अभ्यास के दौरान काल्पनिक तौर पर घायल नागरिकों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुलिस लाइन कम्युनिटी सेंटर में तैयार किए गए अस्थाई ट्रामा सेंटर पर इलाज करवाया गया।
अभ्यास के दौरान सायरन बजते ही सभी राहत एवं बचाव टीम ने अपना अपना कार्य शुरू कर दिया। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड तथा पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिस द्वारा ट्रैफिक मैनेजमेंट भी बेहतर तरीके से किया गया ताकि घायलों को अस्पताल पहुंचने तक किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इस मौके पर उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने बताया कि ड्रिल का उद्देश्य नागरिक आबादी को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना है। इससे नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए।
यह अभ्यास ऐसी विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है। साथ ही अगर कोई कमी रह गई है तो उसको भी उजागर करता है ताकि भविष्य में और बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके। इसी प्रकार का अभ्यास सभी उपमंडल स्तर पर भी संबंधित एसडीएम की कमान में किया गया।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ ने भी इस दौरान पुलिस प्रशासन से संबंधित भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। इससे पहले उपायुक्त डॉ विवेक भारती की अध्यक्षता में जिला के सभी अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें मॉक ड्रिल से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त डॉ आनंद कुमार शर्मा, एसडीएम महेंद्रगढ़ अनिल यादव, एसडीएम नांगल चौधरी मनोज कुमार, एसडीएम कनीना डॉ जितेंद्र सिंह, एसडीएम नारनौल रमित यादव, नगराधीश मंजीत कुमार तथा सीएमओ डॉ अशोक कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला