नारनौल: सरकार ग्राम स्तर तक शहरों की तर्ज पर विकास करवाने को प्रतिबद्ध: डॉ. राकेश कुमार

नारनौल, 22 मई (हि.स.)। विकास कार्यों को लेकर पंचायत भवन नारनौल में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का गुरुवार को समापन हुआ। कार्यक्रम में जिला प्रमुख राकेश कुमार ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस मौके पर जिला परिषद के सीईओ मनोज कुमार भी मौजूद थे। इस प्रशिक्षण में पिछले सात बैच में अनुपस्थित रहे सरपंचों ने भाग लिया।

जिला प्रमुख ने सरपंचों को प्रेरित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीति से आज प्रदेश में पढ़ी-लिखी पंचायत है। ऐसे में सभी सरपंच जागरूकता के साथ कार्य करें। सरकार ग्राम स्तर तक शहरों की तर्ज पर विकास करवाने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने समझाया कि पंचायतें फंड के लिए सीएसआईआर, सांसद निधि, विधायक निधि, डी-प्लान और माइनिंग फंड जैसे स्रोतों का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही पंचायतें खुद भी हाट-बाजार, किराया, सेवा शुल्क जैसे माध्यमों से राजस्व उत्पन्न कर सकती हैं।

उन्होंने नीरपुर राजपूत पंचायत का उदाहरण देते हुए कहा कि अटेली ब्लॉक की नीरपुर राजपूत पंचायत ने सीएसआईआर फंड से अपने गांव में सराहनीय कार्य किए हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार ने सरपंचों को पढ़ने और जानकारी बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि “पढ़ो, ताकि कोई आपको भ्रमित न कर सके। उन्होंने बताया कि पंचायतों को सालाना दो करोड़ रुपये विकास के लिए विधायक निधि और पांच करोड़ रुपये सांसद निधि के रूप में मिल सकते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि माइनिंग ज़ोन का नियंत्रण उपायुक्त के अधीन होता है और विधायक के माध्यम से डी-प्लान एवं अतिरिक्त उपायुक्त की मदद से अतिरिक्त लाभ उठाए जा सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से रिकॉर्ड-कीपिंग पर जोर देते हुए कहा कि अगर आपका रिकॉर्ड सही है, तो आरटीआई से डरने की कोई जरूरत नहीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि पंचायत व्यवस्था के हर स्तर पर सरपंचों की मदद के लिए दरवाजे खुले हैं और हर सवाल का स्वागत किया जाएगा। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी से आए मास्टर ट्रेनर पुरुषोत्तम ने हरियाणा ग्रामीण विकास निधि और सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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