वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण काे 70 क्रू स्टेशन स्थापित, फुकान 1 मार्च तक बढ़ाया

नैनीताल, 19 फ़रवरी (हि.स.)। नैनीताल वन प्रभाग ने आगामी वनाग्नि काल 2025 के लिए शीतलाखेत मॉडल के आधार पर वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु रणनीति तैयार कर कार्य शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में नैनीताल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बुधवार को पत्रकार वार्ता की और बताया कि वन विभाग द्वारा ‘फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया’ की साइट पर नियमित निगरानी रखी जा रही है, साथ ही वर्षामापी यंत्रों व मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के आधार पर संवेदनशील वन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

इसके अलावा आम लोगों से वनाग्नि की सूचनाएं तत्काल प्राप्त करने के लिये ‘फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड’ मोबाइल ऐप से जोड़ा जा रहा है। इस ऐप से अब तक 6000 लोग जुड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष शीतकालीन वर्षा न होने से 15 फरवरी से ही वनाग्नि काल शुरू हो गया है। इसलिये नियंत्रित तरीके से होने वाला एकांतर फुकान व वार्षिक फुकान 1 मार्च तक बढा दिया है। और शीतलाखेत मॉडल की तर्ज पर 1 अप्रैल 2025 के बाद निजी भूमि पर उगी झाड़ियों, सूखी लकड़ी या अन्य ज्वलनशील सामग्री के निस्तारण के लिए आग लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नहीं लगाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह भी बताया कि शीतकालीन मॉडल के लिये वन कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। वन पंचायत समितियों को वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सहयोग के लिये 30 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। संवेदनशील वन क्षेत्रों व मोटर मार्गों के समीप वनाग्नि के प्रति सचेत करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। पत्रकार वार्ता में वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद और भगवती प्रसाद जोशी भी उपस्थित रहे।

वनाग्नि की घटनाओं पर रोकथाम के लिये यह बड़े प्रबंध

यह भी बताया कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये नैनीताल वन प्रभाग में 70 क्रू स्टेशन और 270, नैनीताल जनपद में 1500 और राज्य में 4500 फायर वाचर यानी अग्नि निरीक्षकों के साथ राज्य में 11 हजार वन कर्मी लगे हुए हैं। यह भी बताया कि इसी उद्देश्य से नैनीताल वन प्रभाग की 450 किमी लंबी फायर लाइन में से 250 किमी में खड़े 1000 पेड़ों को छपान कर हटाने के लिये वन निगम को आवंटित कर दिया है। यह भी बताया कि राज्य में 2200 पदों पर वन कर्मियों की भर्तियां की गयी हैं। इसके फलस्वरूप 2021 के 65 फीसद के सापेक्ष 2025 में राज्य में वन विभाग में रिक्त पदों की संख्या 50 फीसद घटकर केवल 15 फीसद रह गयी है। यह भी बताया कि आंदोलित वन आरक्षियों की तीन मांगों पर सहमति बन गयी है। वनाग्नि के कारण पिरूल से बड़े स्तर पर कोयला बनाने के लिये 5 बड़े प्लांट बनाये जाने और इनके लिये 10 रुपये प्रति किग्रा की दर से पिरूल खरीदे जाने और प्लांटों को विभाग की ओर से पिरूल उपलब्ध कराये जाने की योजना है।

वनाग्नि की सूचना देने वालों को ईनाम की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार की गयी

नैनीताल। डीएफओ जोशी ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिये वन विभाग ने वनाग्नि की सूचनाएं देने वालों के लिये ईनाम की धनराशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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