नटरंग ने रीड रहित नाटक का किया मंचन

जम्मू, 13 अक्टूबर (हि.स.)। नटरंग ने आज जम्मू में संडे थियेटर सीरीज के स्टूडियो थियेटर में सत्येंद्र शरत द्वारा हिन्दी में रूपांतरित रूसी लेखक एंटोन चेखव के नाटक निनकॉम्पूप पर आधारित नाटक रीड-राहित का बेहतरीन मंचन किया। इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया। यह नाटक उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जिनमें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का साहस नहीं है।

नाटक की शुरुआत एक मकान मालिक के घर से होती है जो अपने बच्चों के शिक्षक मोहन से अपना हिसाब-किताब बराबर करना चाहता है, जो घरेलू सहायक के रूप में भी काम करता हैऔर उसे पिछले दो महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। नाटक में मकान मालिक मोहन को आत्म-सम्मान और श्रम की गरिमा का पाठ पढ़ाने की कोशिश करता है। इस संदर्भ में उसने वास्तविकता में एक नाटक रचा और वह मोहन को दी जाने वाली राशि पर बहस करने लगा। उसने उसे बताया कि उसे 8,000 रुपये की अपेक्षित और वादा की गई राशि के बजाय हास्यास्पद रूप से जाली कटौती के बाद केवल 1,100 रुपये का भुगतान करना है। स्वभाव से बहुत भोला मोहन बस वहीं बैठा रहता है, बिना कुछ कहे कि उसने असली पैसे का भुगतान किया है, वह कृतज्ञतापूर्वक पैसे स्वीकार कर लेता है।

मोहन के इस तरह के मूर्खतापूर्ण व्यवहार से व्यथित होकर जमींदार गुस्से से भर जाता है और उससे कहता है कि उसे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए और किसी को भी उसका शोषण नहीं करने देना चाहिए, अगर हम चुप रहे तो कोई भी हमारा साथ नहीं देगा इसलिए हमें अपने अधिकारों के लिए साहसपूर्वक बोलना चाहिए और सही तरीके से लड़ना चाहिए। अंत में जमींदार उसे 8,000 रुपये का भुगतान करता है, जिससे उसका अपमानजनक मानवीय प्रयोग समाप्त हो जाता है। इस प्रकार उन सभी को सबक दिया गया जो खुद के लिए खड़े होने और दूसरों को इसका लाभ उठाने की अनुमति देने के लिए बहुत विनम्र हैं। नाटक में अभिनय करने वाले नटरंग के कलाकारों में आदेश धर, मिहिर गुजराल और वंदना ठाकुर शामिल थे। नाटक का प्रकाश और संगीत नीरज कांत द्वारा संचालित किया गया था। बृजेश अवतार शर्मा ने दर्शकों के सामने शो प्रस्तुत किया और शो का समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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