सिरसा: वास्तविक शिक्षा एक अच्छे इंसान व समाज का करती है निर्माण: प्रो. दीप्ति धर्माणी
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- Apr 18, 2025

सिरसा, 18 अप्रैल (हि.स.)। इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर रेवाड़ी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है जोकि बिल्कुल भी गलत नहीं है। यह इस बात से काफी अच्छी तरह स्पष्ट हो जाता है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज अपने कोर्सेज को आसान और किफायती बनाने के साथ-साथ व्यापक रूप से अपने कोर्सेज अधिक से अधिक छात्रों को उपलब्ध करवाने के विकल्प तलाश रहे हैं। प्रो. धर्माणी शुक्रवार को सिरसा के एक शिक्षण संस्थान में राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।
प्रो. धर्माणी कहा कि अध्यापन कोई स्थिर व्यवसाय नहीं है बल्कि प्रौद्योगिकी, सदैव बदलते ज्ञान, वैश्विक अर्थशास्त्र के दबावों और सामाजिक दबावों से प्रभावित होकर बदलता रहता है। इसका मतलब है कि इन परिवर्तनों को संबोधित करने के लिए अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार अद्यतन और विकास आवश्यक है। शिक्षकों का बदलाव की क्षमता से युक्त होना अनिर्वाय है। शिक्षक, योजनाकार, शोधकर्ता आदि सभी लोग व्यापक पैमाने पर इस बात से सहमत दिखाई देते हैं कि शिक्षा से शिक्षा पर सकारात्मक और महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमताएं मौजूद हैं।
केवल आईसीटी के अस्तित्व में होने से ही शिक्षकों की पद्धति नहीं बदलेगी। हालांकि, आईसीटी शिक्षकों को अपने शिक्षण पद्धति को बदलने तथा अधिक सक्षमता प्राप्त करने में मदद कर सकती है, बशर्ते आवश्यक स्थितियां उपलब्ध करा दी जाएं। शिक्षकों की शैक्षणिक पद्धतियां और तार्किकता उनके द्वारा आईसीटी के उपयोग को प्रभावित करती है और शिक्षक द्वारा आईसीटी के उपयोग की प्रकृति छात्र की उपलब्धि को प्रभावित करती है।
संगोष्ठी के संयोजक डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि उच्च शिक्षा छात्रों की सहभागिता और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए नई शिक्षण विधियों, प्रौद्योगिकियों और दृष्टिकोणों की खोज करके शैक्षणिक नवाचार को बढ़ावा देती है। संगोष्ठी में शोधार्थियों ने अपने शोध पेपर प्रस्तुत किए।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma