नेपाल में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने किया अध्यादेश और विधेयक का विरोध

काठमांडू, 03 मार्च (हि.स.)। नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार लाए गए छह अध्यादेशों और तीन विधेयकों पर फंसती नजर आ रही है। सरकार में शामिल सबसे बड़े घटक दल नेपाली कांग्रेस के नेता खुलकर इसके विरोध में आ गए हैं। अध्यादेश एक माह होने के बाद भी संसद में पेश नहीं किया जा सके हैं। अगर अगले 30 दिनों में इनको संसद के दोनों सदनों से पारित नहीं कराया गया तो ये स्वतः खारिज हो जाएंगे। इन अध्यादेश का सरकार को बाहर से समर्थन दे रही जनता समाजवादी पार्टी ने भी समर्थन नहीं करने का फैसला कर लिया है। इस वजह से ऊपरी सदन में सरकार बहुमत नहीं जुटा पाई है।

तीन विधेयकों का भी सत्तारूढ़ घटक दल नेपाली कांग्रेस विरोध कर रही है। इनमें सोशल मीडिया को नियंत्रण करने के लिए लाया गया विधेयक, सुरक्षा बलों के मर्जर संबंदी विधेयक और सशस्त्र प्रहरी बल से संबंधी विधेयक शामिल है। ओली सरकार में शामिल गृहमंत्री नेपाली कांग्रेस के नेता रमेश लेखक हैं। उनकी पार्टी का एक बड़ा गुट इन विधेयकों के खिलाफ बोलने लगा है।

पिछले दो दिनों में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने एक साथ सरकार के खिलाफ और इन विधेयकों के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिया है। आज काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने कहा कि ओली सरकार ने विधेयक लाने में मनमानी की है। ओली दाएं-बाएं करेंगे तो समर्थन वापसी पर विचार करना होगा। थापा ने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया बिल से लेकर सिक्योरिटी संबंधी बिल लाया गया है उसमें बदलाव किए बिना पारित नहीं कराया जा सकता।

पोखरा में आज आयोजित एक कार्यक्रम में नेपाली कांग्रेस के नेता और पूर्व विदेशमंत्री एनपी साउद ने कहा कि सरकार को दो तिहाई का दंभ दिखाना बंद करना चाहिए। सुरक्षाबलों से संबंधित बिल इसी दंभ के कारण लाया गया है। इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है।

नेपाली कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री बालकृष्ण खांड ने रविवार को भैरहवा में कहा कि गठबंधन अपने मूल उद्देश्य से भटक कर विवादास्पद विषयों पर विधेयक ला रहा है। नेपाली कांग्रेस इस देश की सभी बड़ी पार्टी है। खांड ने आरोप लगाया कि ओली अपनी नीतियां कांग्रेस पर थोप रहे हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

सम्बंधित खबर