नेपाल में किसी भी स्तर की परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करने पर रद्द होगी परीक्षा

काठमांडू, 24 सितंबर (हि.स.)। नेपाल के सरकारी विश्वविद्यालय ने किसी भी स्तर की परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करने पर उस परीक्षार्थी की परीक्षा रद्द कर देने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों से बैचलर से लेकर पीएचडी तक की परीक्षाओं में एआई का प्रयोग कर उत्तर लिखने की घटना सामने आने के बाद विश्वविद्यालय ने यह नया नियम बनाया है।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय की परीक्षा सुधार समिति की मंगलवार को हुई बैठक में इस नियम को पारित किया गया। विश्वविद्यालय के डीन डॉ. खड्ग केसी की अध्यक्षता में समिति की बैठक में परीक्षाओं में एआई के प्रयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय से जुड़े सभी महाविद्यालय में तत्काल इस संबंध में सर्कुलर भेज दिया गया। डीन केसी ने इस नए नियम के लागू होने की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका में एक ही तरह के उत्तर देखने को मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएचडी के छात्रों की थीसिस में भी एआई का प्रयोग देखने को मिला। डीन के मुताबिक गणित विषय की परीक्षा में कुछ परीक्षा केन्द्र के परीक्षार्थियों ने चैट जीपीटी का प्रयोग कर उत्तर लिखे।

विश्वविद्यालय की तरफ से महाविद्यालयों को भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि छात्रों में पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को जीवित रखने के लिए एआई के प्रयोग को निरुत्साहित करना आवश्यक है। सर्कुलर में कहा गया है कि एआई के कारण छात्रों की मौलिकता और सृजनशीलता कमजोर होती जा रही है। प्रविधि के दुरूपयोग को कम करने और छात्रों में पुस्तक के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए यह आवश्यक कदम उठाया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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