बिहार: अज़ीज़ बाबू के परिवार ने बीते85 साल से नेता जी सुभाष चंद्र बोस की यादों  को सहेज कर रखा है 

सीवान, 23 जनवरी (हि.स.)।

सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती पर उन्हें याद कर रहा है। सीवान में भी एक ऐसा परिवार है जो नेता जी सुभाष चंद्र बोस की यादों को पिछले 85 वर्षों से सहेज कर रखा है। बात उन दिनों की है जब नेता जी अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे। इसी कड़ी में वर्ष 1940 में नेताजी सीवान आए थे। शहर के बबुनिया रोड़ स्थित मो अजीज बाबू के घर रूह अफजा मंज़िल में नेता जी ने दोपहर का भोजन किया और कुछ समय विश्राम किए थे। इसके बाद वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब-दियारा के लिए निकला पड़े। अज़ीज़ बाबू के पोते उमैर फरीद ने बताया कि उनके दादा जी अक्सर नेता जी से जुड़े किस्से सुनाते थे।

साल 1930 में अज़ीज़ बाबू ने रूह अफजा मंजिल को बनवाया था। उस समय यह घर शहर की सबसे खूबसूरत इमारतों में शामिल था। इसकी भव्यता आज भी देखने लायक है। दरअसल अज़ीज़ बाबू ब्रिटिश सरकार में सीवान के ऑनरेरी मजिस्ट्रेट थे। उनकी गिनती शहर के संभ्रांत लोगों में होती थी। लेकिन वे सच्चे देशभक्त थे। यही वजह थी कि सुभाष चंद्र बोस से उनके करीबी संबंध थे। 1940 में जब नेता जी सुभाष चंद्र बोस यहां आए तब से यह परिवार खुद को और भी ज्यादा गौरवान्वित महसूस करता है। जिस डाइनिंग टेबल और कुर्सी पर बैठक कर नेता जी ने दोपहर का खाना खाया था वह आज भी उसी जगह पर रखी हुई है। परिवार का कोई सदस्य इस डाइनिंग टेबल का इस्तेमाल खुद के लिए नहीं करता। लेकिन जब भी कोई मेहमान घर आता है तो उसे इस डाइनिंग टेबल पर बैठने का मौका मिलता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दीनबंधु सिंह

   

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