डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली से परीक्षा विभाग में नई शुरुआत

पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा यह नवाचार – प्रो. अग्रवाल

अजमेर, 8 अगस्त (हि.स.)।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के परीक्षा विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली (ऑन स्क्रीन मार्किंग – OSM) की शुरुआत की है। यह पहल न केवल तकनीकी बदलाव है, बल्कि पारदर्शी और समयबद्ध परीक्षा प्रक्रिया की दिशा में विश्वविद्यालय की दूरदर्शी सोच का प्रतीक है।

कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह प्रणाली पारदर्शिता, समयबद्धता और विश्वसनीयता की नई मिसाल पेश करेगी।

उन्होंने बताया कि अब छात्रों को उत्तरपुस्तिकाओं में प्रश्नवार अंक पारदर्शी रूप से देखने को मिलेंगे, जिससे उनकी संतुष्टि और विश्वास दोनों बढ़ेंगे। यह बदलाव विश्वविद्यालय में उत्तरदायित्व और निष्पक्षता की भावना को और मजबूत करेगा।

कुलगुरु ने परीक्षा नियंत्रक व पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस सफलता के पीछे सामूहिक मेहनत, तकनीक को अपनाने का साहस और सकारात्मक सोच है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि परिवर्तन की राह में चुनौतियां आती हैं, लेकिन टीम भावना से हर मुश्किल का हल संभव है।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुनील टेलर ने बताया कि ओएसएम के तहत विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा 2025 में बी.ए. बी.एड. (भाग-द्वितीय) और बी.एससी. बी.एड. (भाग-द्वितीय) की सभी विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रथम बार इस पद्धति से मूल्यांकन शुरू किया गया है। लगभग 33 हज़ार उत्तरपुस्तिकाओं की जाँच करीब 150 परीक्षक करेंगे।

इस पद्धति से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि परिणाम समय पर और त्रुटिरहित घोषित किए जा सकेंगे। उत्तरपुस्तिकाओं में होने वाली मानवीय त्रुटियों से बचाव होगा और परीक्षकों के भुगतान की प्रक्रिया भी ऑनलाइन पूरी हो सकेगी। विश्वविद्यालय वेबसाइट पर परीक्षकों के लिए निर्देश, प्रश्नपत्र और स्कीम भी अपलोड कर दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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