गोविन्द देवजी मंदिर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ: चार पारियों में तीन सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने अर्पित की आहुतियां
- Admin Admin
- Feb 16, 2025
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जयपुर, 16 फ़रवरी (हि.स.)। घर घर में यज्ञ के माध्यम से संस्कारों की अलख जगाने और पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। चार पारियों में तीन सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां प्रदान की। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की गायत्री कचोलिया और गायत्री तोमर और दिनेश भारद्वाज की टोली ने यज्ञ संपन्न कराया।
ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने प्रारंभ में आराध्य देव गोविंद देव जी, वेदमाता गायत्री और गुरु सत्ता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर यज्ञ का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय व्यापारिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघी, सदस्य सुभाष गोयल,पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन संवर्धन परिषद के चेयरमैन राहुल द्विवेदी, मंदिर श्री नृसिंह जी अग्रवाल पंचायत समिति के अध्यक्ष चेतन अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार ओमवीर भार्गव बतौर अतिथि के रूप में शामिल हुए। मंदिर प्रबंधन और गायत्री परिवार की ओर से सभी का अभिनंदन किया गया। आचार्य पीठ से गायत्री कचोलिया ने कहा कि भगवान को भोग लगाने का वैदिक मध्य यज्ञ को बताया गया है । इसलिए प्रतिदिन बलिवैश्व यज्ञ के माध्यम से पांच ग्रास की आहुतियां भगवान ब्रह्मा, देवता, ऋषियों, महापुरुषों और पितरों को देनी चाहिए। पुराने समय से चली आ रही चूल्हे की अग्नि को बाहर निकाल कर रोटी के पांच छोटे-छोटे टुकड़े कर भोग लगाने की परंपरा आज फिर से जागृत करने की जरूरत है। बाजार से तांबे की कटोरी लाकर गैस चूल्हे पर रख कर भी बलिवैश्व यज्ञ किया जा सकता है। देव पूजन के बाद अग्नि प्रज्वलित कर गायत्री एवं महामृत्युंजय महामंत्र के अलावा सूर्य, रूद्र, शिव, नवग्रह मंत्रों से भी आहुतियां प्रदान की गई। रविवार को कई लोगों का जन्मदिन और विवाह दिवस था । उनके उज्जवल भविष्य के लिए विशेष आहुतियां प्रदान की गई। रोग मुक्ति की कामना के साथ सूर्य गायत्री मंत्र से आहुतियां प्रदान की गई । कुंभ और दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मारे गए लोगों की आत्मशांति के लिए यम गायत्री मंत्र से विशेष आहुतियां प्रदान की गई तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ सूर्य गायत्री मंत्र से आहुतियां प्रदान की गई। इस मौके पर प्रेरणादायी पुस्तकों की स्टॉल भी लगाई गई। यहां लागत दर पर पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। बड़ी मात्रा में गायत्री परिवार का साहित्य निशुल्क भी वितरित किया गया। इस मौके पर 5 मिनट में घर पर सुगम यज्ञ करने का लाइव डेमो भी दिया गया।
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी का प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
रविवार का यज्ञ कई मायनों विशेष रहा। कई गर्भवती महिलाएं भी यज्ञ में शामिल हुईं। उनके गर्भस्थ शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए विशिष्ट मंत्रों से खीर से विशेष आहुतियां प्रदान कराई गई। उनका गर्भोत्सव संस्कार कराया गया । इस मौके पर आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी अभियान की प्रदर्शनी भी लगाई गई । इसमें बताया गया कि यदि मां चाहे तो मनचाही संतान पैदा कर सकती है। यह संस्कार गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी सहित अन्य प्रज्ञा संस्थानों में निशुल्क कराया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश