नूंह में तब्लीगी जमात का जलसा संपन्न, सेव गाजा व इजराइल प्रोडक्ट के बायकॉट के बैनर लहराए

नूंह तब्लीगी जलसा

- बैनरों के माध्यम से दुआओं में फिलिस्तीन को याद रखने की गई अपील

नूंह, 21 अप्रैल (हि.स.)। नूंह में सोमवार को तीन दिवसीय तब्लीगी जमात का जलसा संपन्न हो गया। जलसा के आखिरी दिन मुस्लिम समुदाय के लाेगाें ने पंडाल के गेट पर सेव गाजा और इजराइली सामानों के बायकॉट के बैनर लहराते हुए फिलिस्तीन के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई का विरोध जताया।

नूंह में तीन दिवसीय तब्लीगी जमात के जलसा के लिए फिरोजपुर झिरका में 21 एकड़ जमीन पर जलसा के लिए टेंट लगाए गए थे। इसके अलावा 100 एकड़ भूमि पर आने वाले लाेगाें के लिए शौचालय, पार्किंग, खाना और अन्य इंतजाम किए गए थे।इस जलसे के अंतिम दिन मुस्लिम समुदाय के बहुत बड़ी संख्या में लाेगाें ने इसमें भाग लिया। लगभग 21 एकड़ में लगा टेंट छोटा पड़ने पर लोगों ने पार्किंग क्षेत्र में नमाज अदा की। साेमवार काे जमात के प्रमुख मौलाना साद ने जलसा समाप्ति की घोषणा की।

जलसा में आए लोगों ने पंडाल के गेट पर सेव गाजा और इजराइली सामानों के बायकॉट के बैनर लहराये और फिलिस्तीन के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई का विरोध जताया। बैनराें के माध्यम से अपील की गई कि अगर हम जिहाद के लिए नहीं जा सकते तो फिलिस्तीन को दुआ में जरूर याद रखना।

जलसा समाप्ति की घोषणा के बाद दिल्ली-अलवर रोड पर लंबा जाम लग गया। ढाई घंटे तक वाहन रेंग - रेंग कर चलते रहे। इस जलसे में लगभग पांच हजार वॉलंटियरों की ड्यूटी भी व्यवस्था के लिए लगाई गई थी। इस जलसा क्षेत्र में पुलिस काे एंट्री नहीं दी गई। पुलिस ने बाहर से व्यवस्था को संभाला।

दरअसल, तब्लीगी जमात की शिक्षा की शुरुआत नूंह से ही मानी जाती है। इसकी शुरुआत हजरत मौलाना इलियास कांधलवी ने की थी। 1926-27 में मौलाना इलियास कांधलवी ने नूंह से ही इस्लामिक शिक्षा के प्रचार की शुरूआत की थी। तब्लीगी जमात नूंह से शुरू होकर दुनिया के 150 से अधिक देशों में फैल चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

   

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