महानवमी पर आस्था का महासागर: मां विंध्यवासिनी के दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

गर्भगृह की ओर दर्शन-पूजन को जाते दर्शनार्थी।

मीरजापुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्र की महानवमी पर रविवार को विंध्याचल धाम श्रद्धा और भक्ति के रंग में पूरी तरह रंगा नजर आया। सूरज की पहली किरण के साथ ही मां विंध्यवासिनी के दरबार में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पहुंचकर शीश नवाया और मंगलकामनाएं मांगीं।

मंगला आरती के बाद जैसे ही देवीधाम के कपाट खुले, जय माता दी के गगनभेदी नारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। घंटों की कतार, तपती धूप और भीड़ का कोई असर नहीं। भक्तों की आंखों में सिर्फ एक झलक पाने की लालसा और दिल में मां के प्रति अगाध भक्ति थी।

मां विंध्यवासिनी का अनुपम श्रृंगार देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। देवी को सोने के आभूषणों और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था, जिसे देखकर हर भक्त मंत्रमुग्ध हो गया। हर कोना, हर गलियारा माता के जयकारों और शंख-घंटियों की गूंज से भर गया। त्रिकोण परिक्रमा के दौरान मां काली, अष्टभुजी देवी, तारा देवी और राधा-कृष्ण के मंदिरों में भी भक्तों की कतारें लगी रहीं। सुरक्षा के लिए पुलिस और पीएसी पूरी तरह मुस्तैद थी, जबकि स्काउट-गाइड और श्री विंध्य पंडा समाज के सदस्यों ने सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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