यूपी राजभवन में ओडिशा राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया

लखनऊ, 01 अप्रैल (हि.स.)। राजभवन के गांधी सभागार में मंगलवार को ओडिशा राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को मंच पर प्रस्तुत किया। एक विशेष डॉक्यूमेंट्री ने राज्य की गौरवशाली परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहर से परिचित कराया।

इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर महादेव बोबडे ने राज्यपाल का संदेश पढ़ा। राज्यपाल ने लिखा था कि ओडिशा राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर मैं आप सभी को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूँ। मेरे लिये यह अत्यधिक प्रसन्नता की बात है कि आज राजभवन के इस ऐतिहासिक सभागार में ओडिशा राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।

भगवान जगन्नाथ की यह भूमि कलिंग एवं उत्कल नाम से प्रसिद्ध थी। ओडिशा की विविधता में एकता और यहाँ के लोगों की मेहनत और समर्पण ने इसे विकास के नये आयाम दिये हैं। चाहे वो कला, साहित्य, विज्ञान, शिक्षा या खेल क्षेत्र हो, ओडिशा ने हमेशा अपनी ताकत और समर्पण से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की कोशिश की है।

ओडिशा राज्य कला एवं संस्कृति तथा वास्तुकला की दृष्टि से काफी समृद्ध राज्य है। यहाँ का ओडिसी नृत्य विश्वविख्यात है। यहाँ के उत्कृष्ट हस्तशिल्प, लकड़ी एवं पत्थर की नक्काशी के कार्य तथा मनमोहक पर्यटन स्थल दर्शनीय हैं। कोणार्क का सूर्य मन्दिर, भुवनेश्वर का लिंगराज मन्दिर, पुरी का जगन्नाथ मन्दिर लोगों के महत्वपूर्ण आस्था केन्द्र हैं।

हमारे देश में भौगोलिक और प्राकृतिक विविधिता से सम्पन्न प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषताएं हैं। भारत भूमि हर राज्य को आपस में जोड़ती है और हमारी विलक्षण संस्कृति हम सबको एक सूत्र में बांधती है। अनेकता में एकता ही हमारे देश की विशेषता रही है। हमारे प्रत्येक राज्य की बेमिसाल सांस्कृतिक विरासत है, अलग पहचान है। इनके परिधानों में, आभूषणों में, गायन में, वाद्यों में, नृत्यों में और बोलियों में हम इसे देखते हैं। कला एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान से राज्यों एवं देशों के मध्य बेहतर तालमेल और सद्भावना बढ़ती है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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