उमर अब्दुल्ला ने रामबन के अपने तीसरे दौरे में राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा की

रामबन 26 अप्रैल (हि.स.)। थोड़े समय में रामबन के अपने तीसरे दौरे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास प्रयासों की स्थिति और प्रगति की समीक्षा की।

गंभीर रूप से प्रभावित धर्मकुंड क्षेत्र का व्यापक दौरा करने और रामबन में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने नुकसान की सीमा और चल रहे प्रतिक्रिया अभियानों का आकलन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनका प्राथमिक उद्देश्य रामबन के लोगों को आश्वस्त करना है कि सरकार इस चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने दोहराया कि पहलगाम में दुखद घटना के बावजूद सरकार रामबन में राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यहां आने का मेरा मुख्य उद्देश्य रामबन के लोगों को यह भरोसा दिलाना था कि हालांकि पहलगाम में बहुत गंभीर घटना हुई है लेकिन हम रामबन को भूले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि रामबन के लोगों को लगे कि हमारा सारा ध्यान अब केवल पहलगाम पर केंद्रित है और रामबन की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा इसलिए जैसे ही श्रीनगर में मेरा काम आसान हुआ मैं तुरंत रामबन आया, अपने सहयोगियों से मिला, प्रशासन से मिला और यहां की स्थिति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, विशेष रूप से रामबन के उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया दी जिसके कारण 24 घंटे के भीतर एनएच-44 पर यातायात बहाल हो गया और साथ ही बचाव और बहाली अभियान भी शुरू हो गए।

उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में दिखाई देने वाले सुधारों का उल्लेख किया जिसके परिणामस्वरूप वाहनों की आवाजाही सुचारू हुई और फंसे हुए और प्रभावित लोगों को राहत मिली।

दीर्घकालिक पुनर्वास के महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए भूमि की पहचान करने और प्रत्येक प्रभावित परिवार को पांच मरला भूमि आवंटित करने का निर्देश दिया। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में देखे गए जलवायु परिवर्तनों को संबोधित करने के लिए जम्मू और कश्मीर के लिए आपदा प्रबंधन योजना को फिर से तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने प्रशासन और उपायुक्त को निर्देश दिया है कि कई लोगों ने न केवल अपने घर खो दिए हैं बल्कि जिस जमीन पर उनके घर थे, वह भी चली गई है। मैंने डीसी को एक वैकल्पिक स्थल की पहचान करने का निर्देश दिया है और एक बार ऐसा हो जाने पर हम प्रभावित परिवारों को पांच-मरला भूमि के भूखंड प्रदान करेंगे। जन प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को तीन महीने का मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

उन्होंने अधिकारियों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत उपलब्ध सहायता के पूरक के रूप में व्यावसायिक नुकसान और दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान के लिए विशेष राहत पैकेज की आवश्यकता का आकलन करने का भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि एसडीआरएफ के तहत धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है और रामबन में राहत, पुनर्वास और बहाली गतिविधियों के लिए उदार वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बचाव, पुनर्प्राप्ति, बहाली और पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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