गौवंशों पर अत्याचार रोकने के लिए उठाए बेहतर कार्य कदम: अणथ्वाल

पौड़ी गढ़वाल, 22 अगस्त (हि.स.)। विकास भवन सभागार में शुक्रवार को गौवंश संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अणथ्वाल द्वारा की गयी। बैठक में गौवंश संरक्षण से जुड़े विभिन्न पहलुओं, नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा गौशालाओं की व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।

गौसेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि गौवंश हमारी संस्कृति, कृषि एवं पर्यावरण का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गौवंश संरक्षण के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिनका सही ढंग से क्रियान्वयन आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी गौशालाओं में गौवंश को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं समय पर उपलब्ध करायी जाएं।

उन्होंने सभी से अपील की कि गौसेवा को सामूहिक जिम्मेदारी समझकर कार्य करें और गौवंश संरक्षण के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आवारा पशुओं के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए ठोस रणनीति बनायी जाय। साथ ही, प्रत्येक जनपद में पशु चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जाय और बीमार एवं घायल गौवंश को तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जाय।

बैठक में अध्यक्ष ने पशु चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने, ईयर टैगिंग की प्रक्रिया को तेज करने तथा गौवंश के समुचित भरण-पोषण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। साथ ही रात्रि के समय गौवंश को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए उनके गले में रेडियम बेल्ट लगाने की व्यवस्था करने पर भी विचार किया गया।

बैठक में गौवंश संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। इसमें गौशालाओं में सुविधाओं के सुधार, गौसदनों एवं डेरियों के सत्यापन एवं निरीक्षण और आवारा पशुओं के पुनर्वास की ठोस योजना बनाने पर जोर दिया गया। नगर निकायों में संचालित, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित गौसदनों एवं गौशालाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया कि इन संस्थानों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि गौ संरक्षण के लिये जो धनराशि गौ सेवकों को दी जाती है, तहसील स्तर से उपजिलाधिकारी उसका सत्यापन समय पर करें और गौ सेवकों को उसका भुगतान तत्काल करें। अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल द्वारा गौसदन के संचालकों की समस्याओं का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि पशु चित्साधिकारियों द्वारा पटवारी, तहसीलदारों के साथ समन्वय से अन्य मामलों का भी निस्तारण किया जाएगा।

बैठक में नगर आयुक्त कोटद्वार पीएल शाह, सहायक नगर आयुक्त श्रीनगर रवि बंगारी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, कार्य अधिकारी जिला पंचायत भावना रावत, कोतवाली पौड़ी प्रभारी कमलेश शर्मा, बीडीओ पौड़ी सौरभ हांडा, नगर निकायों के अधिकारी, गौसेवा आयोग के पदाधिकारी, गौसदन संचालक एवं गौसेवा से जुड़े सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह

   

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