स्वतंत्रता दिवस पर स्वामी रामदेव ने चेताया- बांग्लादेश तत्काल राेके हिंदुओं पर हमला वरना अंजाम बहुत बुरा होगा

- नई पीढ़ी के लिए बाेएंगे संस्कारमूलक शिक्षा के बीज, भारत काे परम वैभवशाली बनाने में निभाएंगे भूमिका

- देश काे जातीय और मजहबी उन्माद से बचाएंगे, बलिदानी के सपनों को पूरा करने के प्रयास में है पतंजलि

हरिद्वार, 15 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस पर स्वामी रामदेव ने कहा कि बांग्लादेश, श्रीलंका, मिडिल ईस्ट, पाकिस्तान व अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ, यह वैश्विक ताकतों का षड्यंत्र है। इसके लिए आवश्यक है कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाकर रखा जाए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं, उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठनों तथा मंदिरों पर जो हमले हो रहे हैं वहां की सरकार उन्हें तुरंत रोके अन्यथा हम राजनैतिक, कूटनीतिक और वैश्विक दृष्टि से इतने सक्षम हैं कि बांग्लादेश के लिए इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।

उन्होंने कहा कि सड़क से लेकर संसद तक जातीय और मजहबी उन्माद देश में पैदा करके कुछ लोग सत्ता पाने के सपने देख रहे हैं। हमें किसी भी कीमत पर देश में मजहबी-जातीय उन्माद, भाषावाद, प्रांतवाद और अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद से देश को बचाना है। 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर सभी ने भारत की एकता, अखंडता व संप्रभुता को बनाए रखने का संकल्प लिया।

स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत की आजादी के लिए पांच लाख से ज्यादा वीर-वीरांगनाओं ने बलिदान दिया। हमने पतंजलि के माध्यम से यह संकल्प लिया है कि राजनैतिक आजादी के साथ शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सांस्कृतिक व वैचारिक एवं रोग व नशा, वासनाओं से इस देश को आजादी दिलाएंगे। भारत को स्वस्थ, समृद्ध, संस्कारवान और परम वैभवशाली बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से ऐसी संस्कारमूलक शिक्षा के बीज इस देश में बोएंगे जिससे देश की नई पीढ़ी को शिक्षा की स्वाधीनता मिले।

वीर शहीदों के सपनों के देश का निर्माण करने में निभाएं भूमिका

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जिस संकल्प के साथ वीरों, शहीदों ने इस देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी आहुति दी, हमें स्वतंत्र वायु मंडल में जीने का अधिकार दिया, उनको स्मरण करते हुए उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सर्वविद प्रयास करके उन वीर शहीदों के सपनों के देश का निर्माण करने में अपनी भूमिका निभाएं। इसी कार्य के लिए पतंजलि योगपीठ अहर्निश संलग्न है। वीर शहीद, क्रांतिकारियों को न केवल हम स्मरण कर रहे हैं अपितु उन्होंने जो स्वप्न देखा था उसे साकार करने के लिए हम प्रयासरत हैं। कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार किया। इस दाैरान नेपाल राष्ट्र के प्रबुद्धजनों सहित संस्थान से संबद्ध सभी इकाईयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारी, कर्मयोगी, छात्र-छात्राएं व पतंजलि संयास आश्रम के संंयासी एवं साध्वी आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / कमलेश्वर शरण

   

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