21 मार्च को दिन और रात होंगे बराबर

जयपुर, 19 मार्च (हि.स.)। 21 मार्च को दिन और रात बराबर होंगे। दिन 12 घंटे का होगा और रात भी 12 घंटे की होगी। यह एक विशेष खगोलीय घटना रहेगी। शुक्रवार को सूर्य भूमध्य रेखा पर होने से दिन और रात बराबर होते हैं। अब 21 मार्च के बाद से ही दिन बड़े होने लग जाएंगे और रातें छोटी होना शुरू होंगी। एक तरह से यह मौसम परिवर्तन का इशारा है और उसी दिन से ग्रीष्म ऋतु का आरंभ होने लगता है, जिसे वसंत संपात भी कहा जाता है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 21 मार्च को ही दिन-रात बराबर होने की खगोलीय घटना होगी और इस दिन शीतला माता की पूजा की जाएगी। दिन बड़े होने से ग्रीष्म ऋतु का आरंभ भी हो जाएगा। राजस्थान में 21 मार्च को शीतला अष्टमी को बास्योड़ा के रूप में मनाया जाता है और घर-घर में शीतला माता की पूजा होगी और ठंडे पकवानों का भोग लगेगा। इसके अलावा इस दिन रवियोग और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। शुक्रवार को माता के पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है। उल्लेखनीय है कि साल में दो बार दिन और रात के बराबर होने की स्थिति बनती है। सूर्य के उत्तरायण के मध्य और सूर्य के दक्षिणायन के मध्य आने से दिन एवं रात 12-12 घंटे के होते हैं। वास्तव में हमारी पृथ्वी साढ़े तेईस अंश झुकी हुई स्थिति में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। इससे कर्क रेखा, भूमध्य रेखा और मकर रेखा के बीच सूर्य की गति दृष्टिगोचर होती है। इस स्थिति में 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लंबवत रहता है, वहीं 23 सितंबर को सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश कर जाएगा। पृथ्वी अपने उत्तरायण पक्ष को 187 दिन में पूरा करती है। 21 मार्च से 23 सितंबर तक धीमी, लेकिन 23 सितंबर से 21 मार्च तक गति तीव्र हो जाती है। इससे यह पक्ष 178 दिन में ही पूरा हो जाता है। पृथ्वी 3 जनवरी को सूर्य के सबसे ज्यादा समीप और 4 जुलाई को ज्यादा दूर होती है।

शुक्र 23 को भोर का तारा बनकर होंगे उदित:

ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्रा ने बताया कि शुक्र का तारा 19 मार्च की शाम को पश्चिम दिशा में अस्त हो गया। इस बार सिर्फ पांच दिन के लिए ही शुक्र का तारा अस्त होगा। क्योंकि शुक्र वक्री अवस्था में चल रहे हैं। इसके चलते यह पांच दिन के लिए क्षितिज से ओझल रहेंगे। 23 मार्च से फिर से पूर्व दिशा में शाम 7:25 बजे उदय होकर भोर का तारा बन जाएंगे। आगामी दिनों में यह सूर्य उदय से पहले ही पूर्व दिशा में नजर आने लगेंगे। शुक्र का तारा अस्त होने पर शुभ और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, लेकिन इस बार मीन मलमास चल रहा है, जिसकी वजह से पहले ही शुभ कार्य 13 अप्रैल तक बंद हैं। इसके बाद शुभ कामों में गति मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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