जींद : कृषि वैज्ञानिकों ने कीटनाशकों के सुरक्षित प्रयोग पर दिया जोर

जींद, 2 जून (हि.स.)। कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वैज्ञानिक एवं अधिकारी सोमवार को विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत विभिन्न गांवों में जाकर किसानों से रूबरू हुए। कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों ने किसानों के छोटे-छोटे समूह से भी वार्तालाप किया। उन्होंने किसानों को बताया की किसान भाई अपने खेत में कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग ना करें बल्कि कीटनाशकों का सुरक्षित एवं न्यायसंगत प्रयोग करें। कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा के प्रभारी डा. रामकरण गौड ने बताया कि कीटनाशकों का प्रयोग केवल उस स्थिति में करें।

जब फसल में कीट आर्थिक कगार सीमा से ऊपर हो। धान की फसल में पांच से 10 हॉपर प्रति पौधा नजर आने पर ढाई सौ मिली मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल या या 80 ग्राम डायनोटिफ्यूरान 20 प्रतिशत, एसजी को 200 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ छिड़काव करें। अगर हम सिफारिश की गई कीटनाशक दवाई की मात्रा से अधिक उपयोग करते हैं तो उसमें किसानों के लिए आर्थिक नुकसान तो होगा ही साथ-साथ ज्यादा कीटनाशक से फसल में नुकसान होने का भी डर रहता है। इस दौरान किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों से सवाल भी किए। जिनका जवाब देकर किसानों की जिज्ञासा को शांत किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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