जीडीसी हीरानगर में बागवानी तकनीकों पर एक दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन

One day skill development workshop on horticulture techniques organised at GDC Hiranagar


कठुआ, 15 नवंबर । संस्थागत नवाचार परिषद के तत्वावधान में राजकीय जीएलडीएम डिग्री कॉलेज हीरानगर में बागवानी तकनीकों पर एक दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा खन्ना के मार्गदर्शन और नेतृत्व में किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों में व्यावहारिक ज्ञान और रोजगारपरक कौशल को सुदृढ़ करना था।

प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और आधुनिक कृषि एवं पर्यावरण क्षेत्र में कौशल-आधारित शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बागवानी एक उभरता हुआ करियर क्षेत्र है जो नर्सरी प्रबंधन, भू-दृश्यांकन, बाग विकास और कृषि-उद्यमिता में अवसर प्रदान करता है। तकनीकी सत्र का नेतृत्व संसाधन व्यक्ति देओशीष अत्री, बागवानी विकास अधिकारी हीरानगर ने किया जिन्होंने आधुनिक बागवानी विधियों और जलवायु-लचीले कृषि में उनकी प्रासंगिकता पर एक व्यावहारिक व्याख्यान दिया। इसके बाद एक व्यावहारिक प्रदर्शन हुआ जहां छात्रों ने बीज बोने, ग्राफ्टिंग परीक्षण, मिट्टी मिश्रण और नर्सरी बिस्तर तैयार करने में सक्रिय रूप से भाग लिया। बागवानी विभाग हीरानगर के बागवानी तकनीशियन अतुल शर्मा, सहायक अंशुमान और माली मूर्ति की एक टीम ने इच्छुक छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। आईआईसी की अध्यक्ष डॉ. अनुपमा अरोड़ा ने अपने स्वागत भाषण में बागवानी कौशल को नवाचार और उद्यमिता के साथ एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों के अनुरूप पौध नर्सरी, सजावटी बागवानी और कृषि-स्टार्टअप में अवसरों का पता लगाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के बाद आने वाले समय में तीन और चरण होंगे। आयोजन सचिव डॉ. भावना जामवाल और प्रोफेसर नीरू शर्मा ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया, जिन्होंने सभी सत्रों का प्रभावी संचालन और छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की। कार्यशाला का समापन एक संवादात्मक सत्र और सभी उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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