सहारनपुर मे युद्धविराम पर व्यापारियों ने किया सरकार का समर्थन, विपक्ष ने उठाए सवाल
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- May 11, 2025

सहारनपुर, 11 मई (हि.स.)।
पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम की अपील के बाद भारत सरकार द्वारा लिए गए सीजफायर के फैसले पर सहारनपुर के राजनीतिक व व्यापारिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां व्यापारी नेताओं और भाजपा पदाधिकारियों ने सरकार के इस निर्णय को मजबूती और समझदारी का प्रतीक बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे अमेरिका के दबाव में लिया गया निर्णय करार दिया है।
भाजपा नेताओं ने बताया समझदारी और ताकत का परिचायक
डॉ. अजय सिंह — महापौर, नगर निगम
“पाकिस्तान ने हमारी सेना से विनती की, तभी सरकार ने युद्धविराम की बात मानी। यदि वह फिर से उल्लंघन करेगा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
राजीव गुंबर — नगर विधायक, भाजपा
“यह भारत की शक्ति का प्रमाण है। हम लड़ाई भी जीत सकते हैं और सम्मानजनक शांति भी कायम कर सकते हैं। दबाव का कोई सवाल ही नहीं है।”
महेंद्र सैनी — जिला अध्यक्ष, भाजपा
“यह फैसला हमारी सैन्य और कूटनीतिक जीत पाकिस्तान की गुहार पर हुआ सीजफायर हमारी ताकत का प्रमाण है।”
शीतल बिश्नोई — महानगर अध्यक्ष, भाजपा
“भारत पहले मारता है, फिर शांति करता है। यह निर्णय जनता के हित में लिया गया है। पाकिस्तान यदि फिर चूक करेगा तो सजा तय है।”
हाजी फज़लुर्रहमान — पूर्व सांसद, सहारनपुर (समाजवादी पार्टी)
“भारत ने सीजफायर स्वीकार कर एक बड़ा और जिम्मेदार देश होने का प्रमाण दिया है। हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन पाकिस्तान द्वारा उल्लंघन निंदनीय है। बेहतर होता कि भारत स्वयं इसकी घोषणा करता, तीसरे पक्ष से आया संदेश भ्रम पैदा करता है। पहलगाम हमला शर्मनाक था—सरकार को दोषियों की तलाश जारी रखनी चाहिए। हम सेना के पराक्रम और सरकार की सोच के साथ खड़े हैं।”
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उठाए सवाल
संदीप राणा — कांग्रेस जिला अध्यक्ष
“सीजफायर का यह फैसला अमेरिका के दबाव में लिया गया लगता है। 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का अपमान हुआ है। 1971 में भी अमेरिका ने दबाव डाला था, लेकिन इंदिरा गांधी जी ने झुके बिना फैसला लिया था।”
मनीष त्यागी — महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस
“तीन दिन की गोलाबारी में 10 जवान और 20 नागरिक शहीद हुए। पहलगाम की हत्या का जवाब क्या यही है? मोदी जी को देश को जवाब देना होगा।”
टिंकू अरोड़ा — समाजवादी पार्टी विधानसभा प्रभारी एवं पार्षद
“जब पूरा देश एक निर्णायक लड़ाई की उम्मीद कर रहा था, तब यह सीजफायर समझ से परे है। सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुक गई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उद्यमियों की राय बंटी—कुछ ने किया सीजफायर का स्वागत, तो कुछ बोले माफ करना सही नही
पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम की अपील के बाद भारत सरकार द्वारा लिए गए सीजफायर के निर्णय पर अब उद्योग जगत से भी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती और एक्सपोर्ट समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपनी राय रखते हुए कुछ ने सरकार के फैसले को दूरदर्शी बताया, तो कुछ ने इसे पृथ्वीराज चौहान वाली ऐतिहासिक चूक करार दिया
अनूप खन्ना — चैप्टर चेयरमैन, इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन
“युद्ध किसी भी देश के लिए हितकारी नहीं होता। इससे देश में आपातकाल जैसे हालात बनते हैं और विकास ठप हो जाता है। भारत सरकार ने अमेरिका की पहल पर जो निर्णय लिया है, वह कूटनीतिक रूप से सराहनीय है। इससे भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे, जो देश के दीर्घकालिक हित में है।”
अनुपम गुप्ता — मंडल अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
“सरकार का फैसला जरूर 140 करोड़ जनता के हित में है, लेकिन मेरा व्यक्तिगत मत है कि पाकिस्तान को इस बार सबक सिखाना चाहिए था। जैसे पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को बार-बार माफ किया और अंततः धोखा खाया, वैसे ही हम बार-बार पाकिस्तान को मौका दे रहे हैं। इस बार युद्ध विराम नहीं, निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए थी।”
परविंदर सिंह — एक्सपोर्टर
“सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह विवेकपूर्ण है। युद्ध किसी भी देश के लिए लाभकारी नहीं होता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले से व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। हम ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की वीरता को सलाम करते हैं। उन्होंने देश का सिर गर्व से ऊँचा किया है।”
शीतल टंडन — जिला अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पाकिस्तान की सेवा द्वारा की गई युद्धविराम की अपील को स्वीकार कर एक मजबूत और सकारात्मक संदेश दिया है। यह हमारी सेना की ताकत और सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है।”
विवेक मनोचा — नगर अध्यक्ष
सहारनपुर उद्योग व्यापार मंडल
“यह निर्णय भारत की मजबूती और समझदारी का परिचायक है। शांति का मार्ग अपनाना तभी सार्थक है जब देशहित सर्वोपरि हो — और सरकार ने वही किया।”
यशपाल मैनी — व्यापारी नेता
“सीजफायर किसी दबाव में नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेवा की अपील पर हुआ। यह भारत की नैतिक जीत है। सरकार को आगे भी सतर्कता बरतनी होगी।”
महेश नारंग — व्यापारी नेता
“यह फैसला हमारी सेना की वीरता और सरकार की दूरदर्शिता का प्रतीक है। मोदी जी ने भारत की गरिमा को कायम रखा है।”
अंतरिक्ष अरोड़ा — व्यापारी नेता
“यह निर्णय भारत की सैन्य शक्ति और पाकिस्तान की विवशता को दर्शाता है। सरकार ने देश के सम्मान की रक्षा की है।”
पंकज कालड़ा — व्यापारी नेता
“भारत सरकार और सेना ने जिस साहस और रणनीति के साथ हालात को संभाला, वह प्रशंसा योग्य है। पहले पाकिस्तान को माकूल जवाब देना और फिर युद्धविराम स्वीकार करना यह दिखाता है कि भारत शक्ति के साथ-साथ शांति में भी विश्वास रखता है। यह निर्णय देशहित के साथ-साथ व्यापारी वर्ग के लिए भी राहत भरा है, क्योंकि युद्ध से सबसे अधिक असर व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। हम सरकार और सेना के इस संतुलित निर्णय का स्वागत करते हैं।”
डॉक्टर संजीव मिगलानी वरिष्ठ समाजसेवी
“भारत सरकार द्वारा लिया गया सीजफायर का निर्णय रणनीतिक दृष्टि से एक सशक्त कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमारी सेना ने पहले पाकिस्तान को कठोर जवाब दिया, फिर युद्धविराम स्वीकार कर यह दिखा दिया कि भारत शांति चाहता है, पर कमज़ोरी नहीं। यह फैसला भारत की नैतिक श्रेष्ठता और सैन्य शक्ति दोनों को दर्शाता है। हमें अपनी सेनाओं पर गर्व है, जिन्होंने देश का मान बढ़ाया, और सरकार पर विश्वास है, जिसने जनता के हित में सोचकर निर्णय लिया।”
पाली कालड़ा — जिला अध्यक्ष, पंजाबी महा सभा
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारतीय सेना ने जिस दृढ़ता और संयम के साथ हालात को संभाला, वह प्रशंसनीय है। पाकिस्तान को पहले करारा जवाब देकर जबरन युद्धविराम की अपील करवाना भारत की रणनीतिक जीत है। सरकार का यह निर्णय देश के सम्मान, शांति और भविष्य के हित में लिया गया है। हम सेना के पराक्रम और सरकार की समझदारी का स्वागत करते हैं।”
चौधरी धीर सिंह — प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय लोक दल
“हमारी सेना ने पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि उन्हें खुद युद्धविराम की मांग करनी पड़ी। यह भारत की ताकत और नेतृत्व की स्पष्टता का परिणाम है। सरकार ने जो फैसला लिया, वह न केवल देश को राहत देने वाला है बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को और सशक्त बनाएगा। अगर पाकिस्तान फिर कोई हरकत करेगा तो उसे माकूल जवाब मिलेगा, इसमें कोई शक नहीं।”
हिन्दुस्थान समाचार / MOHAN TYAGI