राजस्थान विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट, तीन बिल पारित

जयपुर, 12 मार्च (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल से ही हंगामे का माहौल रहा। नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों के बीच तीखी बहस के बाद कांग्रेस ने बहिर्गमन कर दिया। इसके बाद सरकार ने जल्दबाजी में तीन बिल पारित कर दिए, जिससे विपक्ष और अधिक नाराज हो गया।

प्रश्नकाल के दौरान जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। स्पीकर ने कहा कि जूली पहले ही चार सवाल पूछ चुके हैं और बार-बार खड़े होना उचित नहीं। जूली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विधायकों को उचित जवाब नहीं मिल रहा है। इससे पहले विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना को लेकर भी जूली और उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी के बीच नोकझोंक हुई।

भाजपा विधायक अजय सिंह किलक ने नागौर जिले में जलदाय विभाग के मेंटेनेंस कार्यों में अनियमितता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एलएनटी कंपनी ने फर्जी बिल पेश किए हैं, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार में भी इस तरह की अनियमितताएं थीं और अब इस पर नियंत्रण किया जा रहा है। उन्होंने एलएनटी कंपनी के कार्यों की जांच करवाने की बात कही।

विपक्ष का विरोध और वॉकआउट

विपक्ष ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयक पारित करने का आरोप लगाया। टीकाराम जूली ने कहा कि प्रत्येक बिल पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने बहुमत के बल पर इसे पारित करा लिया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी केवल वॉकआउट का बहाना ढूंढ रही है।

तीन अहम बिल पारित

हंगामे और वॉकआउट के बीच विधानसभा में तीन प्रमुख विधेयक जीएसटी संशोधन विधेयक, भरतपुर विकास प्राधिकरण विधेयक और बीकानेर विकास प्राधिकरण विधेयक पारित किए गए।

विधानसभा में इन विधेयकों के पारित होने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर जनता के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इसे विकास के लिए आवश्यक कदम बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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