तीन साल में आर्थिक ही नहीं, राजनीतिक चुनौतियों से भी लड़कर निकली सरकार : सुक्खू

मंडी, 11 दिसंबर (हि.स.)। मंडी में गुरूवार को आयोजित जनसंकल्प रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब हमने सत्ता संभाली उस समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई थी। हमें आर्थिक चुनौती के साथ-साथ राजनैतिक चुनौती का भी सामना इन तीन वर्षों में करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेश की आर्थिक सेहत और संपदा के साथ खिलवाड़ किया था। विरासत में 75हजार करोड़ रूपए का कर्ज छोड़ दिया था। हमें कर्ज को चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ा। हमने संकल्प लिया कि जो व्यवस्था हमें विरासत में मिली है हम उसे बदलकर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध हिमाचल की नींव रखेंगे। इसी बीच कांग्रेस के टिकट पर जीत कर आए विधायक बिक गए और भाजपा उन्हें खरीदने वाली थी। जयराम ठाकुर जो मंडी जिला से संबंध रखते हैं राज्यपाल के पास पहुंच गए कि हमें शपथ दिलावा दो। उन्होंने कहा कि अब इस सरकार को तो भगवान भी नहीं बचा सकता है। हम प्रदेश की जनता के पास गए और छह सीटें दोबारा जीत गए।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मेरी अपनी आल्टो कार है जिस पर मैं बजट सत्र में विधानसभा जाता हूं, ताकि आमआदमी के दर्द को महसूस कर सकूं। जयराम ठाकुर ने मेरा मजाक उड़ाया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आल्टों में बैठने लायक ही रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले 2027 के चुनाव में हम आल्टों में बैठकर नहीं 52 शीटर बॉल्वो में बैठकर आएंगे। उन्होंने कहा कि तीन साल में कांग्रेस सरकार ने ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं। भाजपा वाले झूठ बोलते हैं कि गारंटियां पूरी नहीं की। हमने चुनाव के समय 10 गारंटियां दी थीं । जिनमें से सात को पूरा कर समाज के विभिन्न वर्गों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के 1,36,000 कर्मचारियों से किए गए ओपीएस के वायदे को पहली कैबिनेट बैठक में पूरा किया और सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सम्मान व आर्थिक सुरक्षा प्रदान की। प्रदेश सरकार ने जब ओपीएस शुरू की तो केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपए की बॉरोइंग बंद कर दी जिससे प्रदेश सरकार को तीन वर्ष में 4800 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 की बरसात के दौरान प्रदेश में 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने कोई विशेष मदद नहीं की। प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया और आपदा प्रभावितों को दिए जाने वाले मुआवजा में ऐतिहासिक वृद्धि की। प्राकृतिक आपदा से इस वर्ष भी हिमाचल को लगभग 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने कोई आर्थिक मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताएं कि वो जो प्रदेश को 5000 करोड़ रुपये मिलने का दावा कर रहे हैं वह पैसा कहां है। इसके दस्तावेज कहां है। झूठ कौन बोल रहा है हम बोल रहे हैं या भाजपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा को विशेष अधिमान दे रही है। सामाजिक सुरक्षा के तहत पिछले 3 वर्षों में 12095 लाभार्थियों को 28 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 6000 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत प्रदेश में 19,479 विधवा, निराश्रित तथा दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रतिमाह 1000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

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