
पानीपत, 14 मार्च (हि.स.)। पानीपत जिले में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर होली का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। इस अवसर महिलाओं ने धार्मीक रिति रिवाज से है पूजन किया। जिसमें महिलाओं ने होलिका में जल फूल, अक्षत माला सिंदूर आदि अर्पित किया, फिर देशी घी का अठावरी भोग लगाया और होलिका की पूजा अर्चना करते हुए कच्चे सूत को होलिका पर बांध कर से चक्कर लगाए।
होलिका दहन के समय गोबर के बुर्कले अर्पित किए ओर गुलाल, गेहूं की बाली व नारियल,पूजा सामग्री भी अर्पित की। इस वर्ष भी इसराना उपमंडल के गांव नौल्था की डाट होली आकर्षण का केंद्र रही। डाॅट का मतलब है एक दूसरे को स्पोर्ट देना। इस बार नौल्था गांव में 907वीं बार यह होली खेली गई है। होली के त्योहार पर अमूमन देखने को मिलता है कि किसी पर रंग लगाए तो वो भागने लगता है, लेकिन नौल्था की इस डाट होली में गांव के युवा एक दीवार के साथ लगकर बैठ जाते हैं। जितना चाहे रंग डालो, पीछे नहीं हटते। इसी तरह दो टोलियां एक-दूसरे के सामने हो जाती हैं और ऊपर से रंग बरसाया जाता है। जो टोली, दूसरी टोली को पीछे धकेल देती है, वो जीत जाती है। गांव की महिलाएं भी घरों की छत पर बैठकर युवाओं पर कढ़ाई में गर्म किया रंग डालती हैं। इसीलिए इसमें 2 समूह बनाकर अपने-अपने साथियों को स्पोर्ट करते हैं। ओर इस नौल्था की डाट होली को विशेष बनाते है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा