रेड जोन पांशकुड़ा में सबमर्सिबल पंप पर विवाद, जल परियोजना की रफ्तार पर सवाल
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- Dec 13, 2025
पश्चिम मेदिनीपुर, 13 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का पांशकुड़ा नगर भूगर्भस्थ जल भंडारण के लिहाज से रेड जोन के रूप में चिह्नित है। यहां हर वर्ष गर्मियों में भीषण पेयजल संकट देखने को मिलता है। दो दशक से अधिक पुराने इस नगर में जल समस्या प्रमुख मुद्दा रही है। ऐसे में जल संकट दूर करने के लिए पांशकुड़ा नगरपालिका क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी जल परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसका कार्य प्रगति पर है।
इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई ‘हमारा पाड़ा, हमारा समाधान’ परियोजना के तहत नगर के विभिन्न वार्डों में बड़ी संख्या में सबमर्सिबल पंप लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर राजनीतिक और नागरिक स्तर पर विवाद शुरू हो गया है। विरोधियों का आरोप है कि रेड जोन क्षेत्र में लगातार सबमर्सिबल पंप लगाने से भविष्य में जल संकट और गहरा सकता है।
पांशकुड़ा नगरपालिका में कुल 18 वार्ड हैं। जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के तहत प्रत्येक वार्ड से कई सबमर्सिबल पंप लगाने के आवेदन आए थे, जिनमें से अधिकांश को स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बाद पूरे नगर क्षेत्र में नए पंप लगाने का काम शुरू हो गया है।
दूसरी ओर, राज्य के नगर विकास विभाग ने पांशकुड़ा की जल समस्या के स्थायी समाधान के लिए ‘अद्भुत’ जल परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के अंतर्गत कोलाघाट में रूपनारायण नदी से जल शोधन कर पूरे शहर में आपूर्ति की जाएगी। परियोजना के पहले चरण में 115 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि दूसरे चरण में 85 करोड़ रुपये और दिए जाने की योजना है। जल शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि विभाग ने हाल ही में उत्तर मेचग्राम मौजा में 3.04 एकड़ जमीन नगरपालिका को सौंपी है।
नगर के एक वर्ग का कहना है कि नए सबमर्सिबल पंप लगाने के बजाय इस बड़ी जल परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। पांशकुड़ा के पूर्व पार्षद एवं भारतीय जनता पार्टी नेता सिंटू सेनापति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित जल परियोजना को प्राथमिकता न देकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। उनका कहना है कि जब जमीन के नीचे पर्याप्त जल ही नहीं है, तो सबमर्सिबल पंप लगाने का क्या औचित्य है।
वहीं, पांशकुड़ा के पूर्व चेयरपर्सन नंदकुमार मिश्र ने कहा कि नगरवासियों की मांग पर ही सबमर्सिबल पंप लगाए जा रहे हैं और इसका उद्देश्य तात्कालिक जल संकट से राहत देना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



