पुलिस ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के पारित होने के खिलाफ पीडीपी के मार्च को रोका

श्रीनगर, 11 अप्रैल (हि.स.)। पुलिस ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के पारित होने के खिलाफ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मार्च को रोक दिया, पार्टी कार्यालय पर बैरिकेडिंग की और प्रदर्शनकारियों को परिसर के भीतर ही रहने दिया।

पार्टी महासचिव खुर्शीद आलम के नेतृत्व में पीडीपी के कई कार्यकर्ता पिछले सप्ताह अधिनियम के पारित होने के विरोध में श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर पार्क के पास पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए थे।

पीडीपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से बाहर निकलकर शहर के केंद्र की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस कर्मियों के एक दल ने उन्हें बाहर जाने से रोक दिया। पुलिस ने गेटों पर बैरिकेडिंग की थी जिससे प्रदर्शनकारियों को परिसर में ही रहने दिया गया।

प्रदर्शनकारियों ने हम वक्फ विधेयक को खारिज करते हैं, एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) की चुप्पी आपराधिक है जैसे संदेशों के साथ तख्तियां ले रखी थीं और उन्हाेंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को निरस्त करने के लिए नारे लगाए। बाद में प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए। पत्रकारों से बात करते हुए आलम ने कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि हम वक्फ विधेयक का विरोध करना चाहते थे। हम समझते हैं कि समाज का कोई भी वर्ग इस विधेयक को स्वीकार नहीं करता है। जिस तरह से इसे आधी रात को संसद में पारित किया गया हम इसे अस्वीकार करते हैं। पीडीपी महासचिव ने कहा कि देश के मुसलमानों के प्रति भाजपा का दृष्टिकोण निंदनीय है इस मुद्दे पर एनसी की आपराधिक चुप्पी खेदजनक है। उन्होंने कहा कि हम अधिनियम को पारित करने में एनसी की भूमिका की निंदा करते हैं उन्होंने कहा कि एनसी लोगों को मूर्ख बना रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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